दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

न्यायालय ने एनपीए पर राहत की अवधि बढ़ाई

इससे पहले, सरकार ने न्यायालय को सूचित किया कि कोविड-19 महामारी के दौरान मोरेटोरियम अवधि में ऋण भुगतान की किस्तें स्थगित करने पर बैंकों द्वारा लगाये गये जा रहे ब्जाज के मसले पर उच्च स्तर पर विचार हो रहा है.

न्यायालय ने एनपीए पर राहत की अवधि बढ़ाई
न्यायालय ने एनपीए पर राहत की अवधि बढ़ाई

By

Published : Sep 10, 2020, 3:19 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 3:37 PM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने किसी भी खाते को गैर निष्पादित संपदा घोषित नहीं करने संबंधी अपने अंतरिम आदेश की अवधि बृहस्पतिवार को अगले आदेश तक के लिये बढ़ा दी.

इससे पहले, सरकार ने न्यायालय को सूचित किया कि कोविड-19 महामारी के दौरान मोरेटोरियम अवधि में ऋण भुगतान की किस्तें स्थगित करने पर बैंकों द्वारा लगाये गये जा रहे ब्जाज के मसले पर उच्च स्तर पर विचार हो रहा है.

शीर्ष अदालत ने केन्द्र और रिजर्व बैंक को अपना जवाब दाखिल करने के लिये दो सप्ताह का समय देते हुये कहा कि इससे पहले इस बारे में निर्णय लिया जाना चाहिए.

न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यामयूर्ति एम आर शाह की पीठ ने इस मामले को अब 28 सितंबर के लिये सूचीबद्ध किया है. पीठ ने उम्मीद जताई कि केन्द्र और रिजर्व बैंक सभी मुद्दों पर सक्रिय होकर विचार करेंगे. पीठ ने स्पष्ट किया कि वह अंतिम अवसर दे रही है और इसके बाद इसकी सुनवाई स्थगित नहीं की जायेगी.

न्यायालय कोविड-19 महामारी की वजह से घोषित मोरेटोरियम अवधि के दौरान स्थगित की गयी किस्तों पर ब्याज वसूले जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था.

केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को सूचित किया कि सरकार में उच्च स्तर पर सभी मुद्दों पर विचार किया जा रहा है और महामारी के दौरान विभिन्न क्षेत्रों के सामने आयी समस्याओं के बारे में दो सप्ताह के भीतर इस बारे में उचित निर्णय ले लिया जायेगा.

उन्होंने कहा कि सरकार सभी क्षेत्रों की समस्याओं पर विचार कर रही है और इसके लिये विशेषज्ञों की एक समिति गठित की गयी है. पीठ ने मेहता से कहा कि स्पष्टता के साथ ठोस निर्णय लिये जाने चाहिए ताकि मामले की सुनवाई फिर नहीं टालनी पड़ें.

ये भी पढ़ें:राज्यों के जीएसटी बकाया का हो भुगतान: चिदंबरम

मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने पिछली तारीख पर जिन मुद्दों पर चिंता व्यक्त की थी उन्हें लेकर दो तीन दौर की बैठक हो चुकी है और इन पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने दो सप्ताह के लिये सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया और कहा कि इस दौरान बैंकों सहित सभी हितधारकों से परामर्श करके सुविचारित निर्णय ले लिया जायेगा.

बैंक एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि प्रत्येक कर्ज लेने वाले के बारे में मानक और दिशा निर्देश जारी करने होंगे. पीठ द्वारा यह पूछने पर कि ये मानक कौन तैयार करेगा, साल्वे ने कहा कि वित्त मंत्रालय करेगा क्योंकि यह रिजर्व बैंक के स्तर पर किया जाता रहा है.

क्रेडाई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि वर्तमान कर्ज के पुनर्गठन से 95 कर्जदारों को राहत नहीं मिलेगी.

उन्होंने मोरेटोरियम की अवधि बढ़ाने का सुझाव दिया. कर्जदारों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव दत्ता ने कहा कि बैंक चक्रवृद्धि ब्याज वसूल कररहे हैं और अब अगर कर्ज का पुनर्गठन किया जा रहा है तो यह जल्दी होना चाहिए.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Sep 10, 2020, 3:37 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details