दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

एसबीआई अर्थशास्त्रियों ने चुनिंदा क्षेत्रों में कर्ज पुनर्गठन की वकालत की - कोविड 19

अर्थशास्त्रियों ने कहा कि कर्ज लौटाने के लिये दी गयी मोहलत से संबद्ध आंकड़ा कोई 'बड़ा परेशान करने वाला नहीं है' लेकिन उन्होंने कई जगहों पर 'अनियोजित और अविवेकपूर्ण तरीके से' 'लॉकडाउन' लगाये जाने की आलोचना की.

एसबीआई अर्थशास्त्रियों ने चुनिंदा क्षेत्रों में कर्ज पुनर्गठन की वकालत की
एसबीआई अर्थशास्त्रियों ने चुनिंदा क्षेत्रों में कर्ज पुनर्गठन की वकालत की

By

Published : Aug 3, 2020, 9:19 PM IST

Updated : Aug 3, 2020, 9:27 PM IST

मुंबई: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थशास्त्रियों ने सोमवार को चुनिंदा क्षेत्रों में कर्ज पुनर्गठन पैकेज की वकालत की है. उनका कहना है कि 31 अगस्त को कर्ज भुगतान के लिये दी गयी मोहलत समाप्त होने के बाद कुछ क्षेत्रों के लिये कर्ज पुनर्गठन जरूरी है.

अर्थशास्त्रियों ने कहा कि कर्ज लौटाने के लिये दी गयी मोहलत से संबद्ध आंकड़ा कोई 'बड़ा परेशान करने वाला नहीं है' लेकिन उन्होंने कई जगहों पर 'अनियोजित और अविवेकपूर्ण तरीके से' 'लॉकडाउन' लगाये जाने की आलोचना की.

कोरोना वायरस महामारी का आर्थिक गतिविधियों पर प्रभाव को देखते हुए कर्ज पुनगर्ठन की मांग बढ़ती जा रही है. हालांकि वैश्विक वित्तीय संकट के अनुभव के आधार पर इसके विरोध में भी कुछ बिंदु है. इन मामलों में ऋण पुनर्गठन से फंसे कर्ज में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई और उससे अभी तक व्यवस्था उबर नहीं पायी है.

एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने एक रिपोर्ट में कहा, "दबाव को कम करने के लिये नीतिगत विकल्प के तौर पर 31 अगस्त के बाद चुनिंदा क्षेत्रों में कर्ज पुनर्गठन जरूरी है."

इसमें कहा गया है कि लगातार सीमित क्षेत्रों में लॉकडाउन और रोजगार की कटौती से झटके अभी आ रहे हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, "हमारा मानना है कि स्थिति से पार पाने के लिये कुछ क्षेत्रों/कंपनियों को एक बारगी पुनर्गठन, समर्थन आदि की जरूरत हो सकती है."

वित्त मंत्री निर्म्रला सीतारमण ने पिछले सप्ताह कहा था कि सरकार कर्ज के पुनर्गठन के बारे में रिजर्व बैंक के साथ बातचीत कर रही हैं उन्होंने कहा, "पुनर्गठन पर ध्यान है। वित्त मंत्रालय इस पर आरबीआई के साथ बातचीत कर रहा है..."

एसबीआई अर्थशास्त्रियों ने कहा कि कर्ज लौटाने को लेकर दी गयी मोहलत लेने वाले खुदरा कर्जदारों की संख्या दी गयी जानकारी के मुकाबले कम है क्योंकि आंकड़ा जारी करने के बाद कई कर्जदारों ने ऋण की किस्त देनी शुरू कर दी.

ये भी पढ़ें:डीजीसीए का स्पाइसजेट को टिकट सेल रोकने का निर्देश

उनका कहना है कि कॉरपोरेट क्षेत्र में जिन कंपनियों का बही-खाता मजबूत है, उन्होंने राहत के लिये इस विकल्प को चुना है. वे अनिश्चितता भरे समय में नकदी अपने पास रखने के लिये कर्ज लौटाने को लेकर दी गयी मोहलत का लाभ उठा रहे हैं.

रिपोर्ट में एक स्वतंत्र विश्लेषण का हवाला देते हुए कहा कि 40 प्रतिशत मोहलत का लाभ उन क्षेत्रों में लिया गया है, जहां कर्ज-इक्विटी अनुपात संतोषजनक है. इनमें औषधि, दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियां शामिल हैं.

इस विश्लेषण में 300 से अधिक कंपनियों का आकलन किया गया जिनके ऊपर 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक कर्ज है. अर्थशास्त्रियों ने यह भी कहा कि बैंकों में पर्याप्त पूंजी की जरूरत है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Aug 3, 2020, 9:27 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details