मुंबई:रिजर्व बैंक ने व्यवसायों के अनुकूल एक कदम की घोषणा करते हुए शुक्रवार को कहा कि बड़े लेन-देन के लिये प्रयोग में आने वाली आरटीजीएस प्रणाली अगले कुछ दिनों में चौबीसों घंटे काम करने लगेगी.
रिजर्व बैंक ने दिसंबर 2019 में नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (एनईएफटी) प्रणाली को चौबीसों घंटे के लिये उपलब्ध बनाया था. अभी रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) प्रणाली हर महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को छोड़ सप्ताह के सभी कार्य दिवसों में सुबह के सात बजे से शाम के छह बजे तक काम करती है.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की द्वैमासिक समीक्षा बैठक के बाद कहा कि आरटीजीएस प्रणाली अगले कुछ दिनों में चौबीसों घंटे काम करने लगेगी.
ऐसा होने से पहले की तुलना में पांच दिन के बजाय अब सातों दिन एईपीएस, आईएमपीएस, एनईटीसी, एनएफएस, रुपे, यूपीआई लेन-देन के निपटान के क्रियान्वयन से स्वाभाविक जोखिम व दबाव कम होने का अनुमान है. यह भुगतान की पारिस्थितिकी को अधिक दक्ष बनायेगा.
दास ने कहा कि डिजिटल भुगतान को सुरक्षित तरीके से बढ़ाने के लिये यह निर्णय लिया गया है कि यूपीआई अथवा कार्ड के जरिये बिना संपर्क के किये जा सकने वाले भुगतान के मामलों में प्रति लेन-देन की सीमा को एक जनवरी 2021 से दो हजार रुपये से बढ़ाकर पांच हजार रुपये किया जाये.