नई दिल्ली: देश के बैंकों ने भगोड़े आर्थिक अपराधी मेहुल चोकसी और विजय माल्या से जुड़ी कंपनियों सहित जानबूझकर बैंकों का कर्ज नहीं लौटाने वाली शीर्ष 50 डिफाल्टर कंपनियों के 68,607 करोड़ रुपये के बकाये कोतकनीकी रूप से बट्टे खाते में डाल दिया है. भारतीय रिजर्व बैंक ने सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत पूछे गये एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी है. बैंक के अनुसार यह स्थिति 30 सितंबर 2019 तक की है.
रिजर्व बैंक से आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने रिजर्व बैंक से सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी मांगी थी. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने रिजर्व बैंक के इस जवाब को सार्वजनिक करते हुए जान-बूझ कर बैंकों का कर्ज नहीं लौटाने वाले शीर्ष 50 कर्जदारों की सूची जारी की. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर कहा कि उन्होंने सरकार से संसद में बैंक का कर्ज नहीं लौटाने वाले 50 बड़े डिफाल्टरों के बारे में जानकारी मांगी थी लेकिन वित्त मंत्री उनके सवाल का जवाब नहीं दिया.
उन्होंने कहा कि अब आरबीआई ने यह सूची जारी की है जिसमें नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और भारतीय जनता पार्टी के कई 'मित्र' इसमें शामिल हैं. गांधी ने हिन्दी में जारी ट्वीट में कहा, "मैंने संसद में सीधा सवाल पूछा था, देश के 50 सबसे बड़े बैंक कर्ज डिफाल्टरों को नाम बताइये. वित्त मंत्री ने इस सवाल का जवाब देने से इनकार किया. अब आरबीआई ने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी सहित भाजपा के कई मित्रों के नाम इस धोखाधड़ी करने वालों की सूची में जारी किये हैं. यही वजह है कि संसद में इस सच्चाई को छुपाया गया."
कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने 2014 से लेकर सितंबर 2019 तक 6.66 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ किये. बैंकों का कर्ज नहीं चुकाने वालों की रिजर्व बैंक की इस सूची में हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स शीर्ष पर है. जिसने 5,492 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं चुकाया है. इसके बाद आरईआई एग्रो का नाम है जिसपर 4,314 करोड़ रुपये का बकाया है. तीसरे नंबर पर विनसम डायमंड्स है जिसपर बैंकों का 4,076 करोड़ रुपये का बकाया है.
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