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एमएसएमई का 40 हजार करोड़ रुपये का बकाया चुकाया गया: सीतारमण

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार व्यय बढ़ाकर आर्थिक वृद्धि की गति बढ़ाने पर ध्यान दे रही है. यही वजह है कि सरकार ने विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से अगली चार तिमाहियों के लिये उनकी व्यय योजना का पूरा ब्योरा देने को कहा है.

एमएसएमई का 40 हजार करोड़ रुपये का बकाया चुकाया गया: सीतारमण

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Published : Sep 27, 2019, 11:44 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 7:16 AM IST

नई दिल्ली: सरकारी खर्च को योजना के अनुरूप आगे बढ़ाने पर जोर देते हुये वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि विभिन्न मंत्रालयों ने 60,000 करोड़ रुपये के बकाये में से 40,000 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है जिसमें अधिकांश सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) द्वारा आपूर्ति किये गये माल एवं सेवाओं पर किया गया. शेष राशि का भुगतान अगले महीने के पहले सप्ताह तक चुका दिया जायेगा.

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार व्यय बढ़ाकर आर्थिक वृद्धि की गति बढ़ाने पर ध्यान दे रही है. यही वजह है कि सरकार ने विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से अगली चार तिमाहियों के लिये उनकी व्यय योजना का पूरा ब्योरा देने को कहा है.

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उन्होंने कहा, "बकाये का भुगतान रोका नहीं जाना चाहिये. सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि विभिन्न विभागों को आपूर्ति किये गये माल एवं सेवाओं का कुछ भी बकाया नहीं रहना चाहिये."

वित्त मंत्री ने शुक्रवार को अवसंरचना क्षेत्र से जुड़े 21 प्रमुख मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की. इसके बाद हुये संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, "मेरी मंशा है कि सभी सरकारी विभाग उनके ऊपर जो भी बकाया है वह उसका भुगतान करें. जिसका भी बकाया है उसका निपटारा करें."

सरकार अर्थव्यवस्था में जारी सुस्ती से निपटने के लिये अनेक उपाय कर रही है. ढांचागत क्षेत्र के प्रमुख मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारियों के साथ शुक्रवार को हुई बैठक को भी इसी संदर्भ में देखा जा रहा है. आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिये वित्त मंत्री ने कंपनी कर में बड़ी कटौती की है.

विदेशी निवेशकों को शेयर बाजार के निवेश पर होने वाले पूंजीगत लाभ पर भी बढ़े कर में रियायत दी गई है. व्यय सचिव जी सी मुर्मू भी संवाददाता सम्मेलन में उपस्थित थे. उन्होंने कहा कि ढांचागत क्षेत्र से जुड़े जो भी मंत्रालय हैं उनका पूंजीगत व्यय पूरे साल के व्यय अनुमान का 50 प्रतिशत तक पहुंच चुका है.

केन्द्र सरकार का राजस्व और पूंजी व्यय दोनों की ही सकल मांग बढ़ाने में बड़ी भूमिका है. वित्त वर्ष 2019-20 के लिये केन्द्रीय बजट में कुल व्यय 27.86 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है. इस पूरे खर्च में से पूंजीगत खर्च 3.38 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का पूंजीगत व्यय सही दिशा में आगे बढ़ रहा है और बजट अनुमानों को पूरा कर लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि खपत बढ़ रही है और कर्ज उठाव भी बढ़ रहा है. इन दोनों से अर्थव्यवस्था में गतिविधियां बढ़ेंगी. कारपोरेट कर में दी गई बड़ी छूट और बढ़ते खर्च के मद्देनजर राजकोषीय अनुशासन को लेकर पूछे गये सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार राजकोषीय घाटे के आंकड़ों का मिलान बाद में करेगी.

वित्त मंत्री का शनिवार को सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों के प्रमुखों से मुलाकात करने का कार्यक्रम है. इस बैठक में सार्वजनिक उपक्रमों की पूंजी व्यय योजना की समीक्षा की जायेगी. व्यय सचिव ने खर्च का ब्योरा देते हुये कहा कि 2019- 20 के बजट में अनुमानित 3.38 लाख करोड़ रुपये के पूंजी वयय में से विभिन्न मंत्रालयों, विभागों को पूंजी संपत्ति सृजन के लिये अनुदान सहायता के तौर पर 2.07 लाख करोड़ रुपये दिये गये हैं.

सकल बजट समर्थन के अलावा मंत्रालयों को 0.57 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजट संसाधन की मंजूरी दी गई है जिसमें से 0.46 लाख करोड़ रुपये मंजूर किये जा चुके हैं.

Last Updated : Oct 2, 2019, 7:16 AM IST

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