मुंबई: रिजर्व बैंक ने बैंकिंग प्रणाली के संभावित जोखिमों से अधिक प्रभावी तरीके से निपटने के लिये अपने निगरानी तथा नियामकीय कार्यों का शुक्रवार को अलग अलग एकीकृत किए दो विभागों में बांटा.
केंद्रीय बैंक को इस समय आलोचना झेलनी पड़ रही है कि वह बैंकों में घोटाले नहीं रोक पा रहा है. इन आलोचनाओं के बीच आरबीआई के इन दो महत्वपूर्ण कार्यों की वर्तमान व्यवस्था में बदलाव किया है.
पीएमसी घोटाले के बाद सतर्क हुआ रिजर्व बैंक, बैंकिंग प्रणाली की बेहतरी के लिए किया विभागों का पुनर्गठन - Reserve Bank
केंद्रीय बैंक को इस समय आलोचना झेलनी पड़ रही है कि वह बैंकों में घोटाले नहीं रोक पा रहा है. इन आलोचनाओं के बीच आरबीआई के इन दो महत्वपूर्ण कार्यों की वर्तमान व्यवस्था में बदलाव किया है.
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अभी तक बैंकिंग, गैर बैंकिंग कंपनियों और सहकारी बैंकों की निगरानी के लिए अलग अलग विभाग थे. इन्हें एक विभाग में एकीकृत कर दिया गया है. इसी तरह इन क्षेत्रों के विनियमन के लिए भी तीन अलग अलग विभाग थे जिन्हें एक विभाग में एकीकृत किया गया है.
रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा, "रिजर्व बैंक ने आज (शुक्रवार को) अपने नियामकीय तथा निगरानी विभागों को पुनर्गठित कर दिया."
उसने कहा कि पुनर्गठन एक नवंबर से प्रभावी हो गया है.
रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड ने 21 मई को हुई बैठक में निगरानी तथा नियामकीय कार्यों के लिये अलग काडर बनाने की मंजूरी दी थी.