मुंबई:भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की बैठक बुधवार को यहां शुरू हुई. माना जा रहा है कि खुदरा मुद्रास्फीति के उच्चस्तर पर होने की वजह से केंद्रीय बैंक की मौद्रिक समीक्षा बैठक में ब्याज दरों को यथावत रखा जाएगा. बैठक के नतीजों की घोषणा चार दिसंबर को की जाएगी.
रिजर्व बैंक की अक्टूबर की पिछली मौद्रिक समीक्षा बैठक में भी ऊंची मुद्रास्फीति की वजह से ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया गया था. हाल के समय में मुद्रास्फीति छह प्रतिशत के पार निकल गई है.
रिजर्व बैंक का अनुमान है कि कोविड-19 महामारी की वजह से चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी. केंद्रीय बैंक इस साल फरवरी से नीतिगत दर या रेपो दर में 1.15 प्रतिशत की कटौती कर चुका है.
विशेषज्ञों का मानना है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति ऊंची होने की वजह से रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में कटौती नहीं करेगा.
यस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ अध्यक्ष एवं संस्थागत अनुसंधान प्रमुख अमर अंबानी ने कहा कि चक्रीय संकेतक और जीडीपी आंकड़ों से पता चलता है कि आर्थिक गतिविधियों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जबकि खुदरा मुद्रास्फीति उच्चस्तर पर बनी हुई है.
"ऐसे में हमारा मानना है कि दिसंबर की मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में कटौती नहीं होगी. इसके साथ ही फरवरी, 2021 की मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती की गुंजाइश भी अब धूमिल हो रही है."