मुंबई: बैंक प्रमुखों ने आरबीआई के नीतिगत दर के मामले में स्थिति यथावत रखने को 'सूझबूझ' भरा कदम बताया. साथ ही उन्होंने पुनर्गठन और सोना के बदले कर्ज में बढ़ोतरी जैसे नियाममकीय मोर्चे में किये गये उपायों का स्वागत किया.
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा, "वृद्धि को लेकर परिदृश्य लगातार नकारात्मक बना हुआ है. रिजर्व बैंक भी अर्थव्यवस्था में गिरावट को लेकर कोई आंकड़ा देने से बचा है. वहीं मुद्रास्फीति में वृद्धि को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है." कुमार भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के प्रमुख भी हैं.
रिजर्व बैंक ने हाल में छह प्रतिशत से ऊपर निकल चुकी महंगाई पर अंकुश रखने के लिये बृहस्पतिवार को नीतिगत ब्याज दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया. वास्तविक ब्याज दर...मुद्रास्फीति और ब्याज दर...नकारात्मक हो गया है. शीर्ष बैंक ने नरम रुख बरकरार रखा है और महंगाई दर में नरमी आने पर कदम उठाने का वादा किया है.
कुमार ने एक बयान में कहा, "मौजूदा परिस्थिति में नीतिगत दर को यथावत रखन युक्तिसंगत है क्योंकि आर्थिक वृद्धि, मुद्रास्फीति और बाह्य मांग लगातार अनिश्चित बनी हुई है."
उन्होंने कहा, "आरबीआई ने उन 'स्टैन्डर्ड खातों' (जिन खातों से कर्ज की किस्त आ रही है) को पुनर्गठन के रूप में कुछ राहत दी है जो कर्ज पुनर्गठन के मामले में कठिनाई का सामना कर रहे थे. हम इसका स्वागत करते हैं कि कोविड-19 संबंधित दबाव सुविधा के लिये नया समाधान रूपरेखा का विस्तार जरूरी सुरक्षा उपायों के साथ बड़ी कंपनियों, एसएमई (लघु एवं मझोले उद्यम) और व्यक्तिगत कर्ज के लिये किया गया है."
बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी ए के दास ने कहा कि आरबीआई की नीति में कई सकारात्मक कदम उठाये गये हैं. इससे वित्तीय स्थिरता में मदद मिलेगी.
इन उपायों में गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) और आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) को निर्देशित कर्ज के एवज में राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) और राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) के लिये 10,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी , एमएसएमई पुनर्गठन की समयसीमा का विस्तार और प्राथमिक क्षेत्र के तहत कर्ज के लिये प्रोत्साहन योजना शामिल हैं.
इंडियन बैंक की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी पद्मजा चुंदुरू ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के कदम को व्यवहारिक बताया क्योंकि इसमें नरम रुख को बरकरार रखा गया है. स्टैन्डर्ड चार्टेड बैंक की जरीन दारूवाला ने कहा कि नीतिगत दर को यथावत रखना उममीद के अनुरूप है.
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उन्होंने कहा, "रिजर्व बैंक ने कोविड-19 संबंधित अनिश्चितताओं को देखते हुए नरम रुख को बरकरार रखा है, जिससे बाजार को संतोष मिलेगा. समाधान रूपरेखा से प्रभावित क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों को राहत मिलनी चाहिए और प्राथमिक क्षेत्र कर्ज नियम में संशोधन से कर्ज नहीं मिलने या कम मिलने वाले जिलों में स्थिति सुधरेगी."
निजी क्षेत्र के कोटक महिंद्रा बैंक की समूह अध्यक्ष शांति एकामबरम ने कहा कि नीति उम्मीद के अनुरूप है और एमएसएमई क्षेत्र के लिये पुनर्बठन स्वागत योग्य बहुप्रतीक्षित कदम है.
उन्होंने कहा कि इससे कोविड-19 महमारी से सीधे तौर पर प्रभावित क्षेत्र (एमएसएमई) को अतिरिक्त राहत मिलेगी.
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी उमेश रेवनकर ने कर्ज लौटाने को लेकर दी गयी मोहलत को समाप्त करने और उसकी जगह मामला आधारित पुनगर्ठन के फैसले का स्वागत किया .
उन्होंने कहा, "केंद्रीय बैंक ने कर्ज लौटाने को लेकर दी गयी मोहलत को नहीं बढ़ाने का फैसला किया है और उसकी जगह बैंकों को कुछ कर्ज को पुनर्गठन की अनुमति दी है. यह सकारात्मक बदलाव है. इससे खाता मानक की श्रेणी में बना रहेगा. इससे आने वाले समय में प्रावधान की जरूरत कम होगी."
उद्योग जगत, विशेषज्ञों ने आरबीआई की मौद्रिक नीति घोषणा का स्वागत किया
उद्योग मंडल सीआईआई ने एक बयान में कहा कि उद्योगजगत सूझबूझ के साथ कर्ज पुनर्गठन योजना क्रियान्वित करने के आरबीआई के निर्णय से उत्साहित है. इसके तहत बैंकों को कंपनियों को दिये गये कर्ज के संदर्भ में सावधानी बरतते हुए पुनर्गठन योजना क्रियान्वित करने की अनुमति है.