नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ने येस बैंक को नकदी की समस्या से निपटने को लेकर 60,000 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा उपलब्ध करायी है. इससे बैंक को जमाकर्ताओं के प्रति दायित्वों को पूरा करने में आसानी होगी.
यह आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास के सोमवार को कहा था कि येस बैंक से पाबंदी हटने के बाद जरूरत पड़ने पर उसे नकदी उपलब्ध करायी जाएगी.
आरबीआई कानून, 1934 की धारा 17 के तहत केंद्रीय बैंक किसी भी बैंक को शेयर कोष और प्रतिभूतियों (अचल संपत्तियों को छोड़कर) को गिरवी रखकर कर्ज के रूप में नकदी की सुविधा उपलब्ध करा सकता है.
सूत्रों के अनुसार आरबीआई के आकलन में पाया गया है कि येस बैंक के सामने नकदी की समस्या हो सकती है लेकिन ऋण शोधन में दिक्कत या ऐसी कोई अन्य कोई समस्या नहीं है. सूत्रों के अनुसार हालांकि येस बैंक को आरबीआई से उधार की सुविधा कुछ शर्तों के साथ है.
चूंकि आरबीआई कर्ज के लिए अंतिम आश्रय होता है, ऐसे में शर्त है कि येस बैंक पहले अपनी जरूर पूरा करने के लिए अपने पास तत्काल उपलब्ध नकद संपत्ति का उपयोग करेगा. उसके बाद कमी पड़ने पर रिजर्व बैंक के इस कोष में हाथ लगाएगा.
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उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने पांच मार्च को येस बैंक पर विभिन्न प्रकार की पाबंदी लगाते हुए उसके बोर्ड को हटा दिया था और खाताधारकों को उनके खाते में जमा धन से एक माह में 50,000 रुपये से ज्यादा रकम जारी करने पर पाबंदी लगा दी थी.
सरकार ने 13 मार्च को पुनर्गठन योजना को मंजूरी दी. इसके तहत भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में वित्तीय संस्थानों से करीब 10,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है. येस बैंक पर लगी सभी पाबंदियां बुधवार, 18 मार्च शाम से हटा ली गयी हैं.
(पीटीआई-भाषा)