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आईडीबीआई बैंक को निजी श्रेणी में डालना सार्वजनिक हित के खिलाफ - आईडीबीआई बैंक

आईडीबीआई व आईडीबीआई बैंक को सार्वजनिक क्षेत्र के तहत बैंक बनाया गया था. कॉरपोरेट्स के अत्यधिक फंसे कर्ज की वजह से बैंक को वसूली में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और परिणामस्वरूप इसके वित्तीय प्रदर्शन पर असर पड़ रहा है.

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Published : Mar 20, 2019, 1:31 PM IST

चेन्नई : अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से आईडीबीआई बैंक को निजी ईकाई की श्रेणी में रखने के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है. आरबीआई को बुधवार को लिखे एक पत्र में एआईबीईए के महासचिव सी.एच.वेंकटचलम ने आरबीआई के फैसले पर यूनियन के विरोध के बारे में अवगत कराया.

वेंकटचलम ने कहा, "आईडीबीआई व आईडीबीआई बैंक को सार्वजनिक क्षेत्र के तहत बैंक बनाया गया था. कॉरपोरेट्स के अत्यधिक फंसे कर्ज की वजह से बैंक को वसूली में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और परिणामस्वरूप इसके वित्तीय प्रदर्शन पर असर पड़ रहा है."

उनके अनुसार, यह विडंबना है कि आरबीआई उधार लेने वालों निजी क्षेत्र के कॉरपोरेट के खिलाफ कार्रवाई की बजाय यह सूचना का अधिकार (आरटीआई), केंद्रीय सर्तकता आयोग (सीवीसी) और अन्य से बचाकर आईडीबीआई बैंक को फिर से वर्गीकृत कर रहा है.

आरबीआई ने हाल में आईडीबीआई को निजी क्षेत्र के बैंक के रूप में वर्गीकृत किया है.
(आईएएनएस)
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