नई दिल्ली : नीतिगत सुधारों से आने वाले दिनों में सस्ते घरों की मांग व आपूर्ति को प्रोत्साहन मिलेगा. यह बात देश की अग्रणी रियल एस्टेट कन्सल्टिंग कंपनी सीबीआरई साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कही है.
रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा दौर में नहीं बिके घरों की इन्वेंटरी घट रही है और वैकल्पिक संपत्तियां मसलन, को-लिविंग, छात्रों व वरिष्ठ नागरिकों के आवास के प्रति अंतिम उपयोगकतरओ और डेवलपर्स दोनों का आकर्षण बढ़ रहा है.
सीबीआरई द्वारा बुधवार को जारी रिपोर्ट 'रियल एस्टेट मार्केट आउटलुक, 2019-इंडिया' के अनुसार निवेशकों के बढ़ते भरोसे तथा बेहतर नीतिगत सुधारों के चलते भारत दुनिया की सबसे तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था के रूप में शुमार है और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के आंकड़े बताते हैं कि 2000-2008 के दौरान दुनिया के विकास में भारत का योगदान 7.6 फीसदी था जो 2018 में बढ़कर 14.5 फीसदी हो गया है.
भारत, दक्षिणी पूर्वी एशिया, मध्य पूर्व एवं अफ्रीका में सीबीआरई के चेयरमैन व सीईओ अंशुमन मैगजीन ने कहा, "मौजूदा सरकार की सुधार नीतियां इक्विटी बाजार और निवेश के लिए अच्छी खबर लेकर आई हैं, जिसके चलते भारत कारोबार के आकर्षक गंतव्य के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत बना चुका है."
उन्होंने कहा कि 2019 में कई कारकों जैसे प्रौद्योगिकी, मांग-आपूर्ति डायनामिक्स, कारोबार की सुगमता रैंकिंग में सुधार तथा जीएसटी एवं रेरा के चलते भारतीय रियल एस्टेट बाजार के विकास को नई गति मिलेगी.
ये भी पढ़ें : भारत और अमेरिका के बीच बहुराष्ट्रीय कंपनियों की कर चोरी पर अंकुश लगाने को लेकर समझौता