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हम पड़ोसियों को मानवीय आधार खाद्य सहायता पहुंचाते रहते है: डब्ल्यूटीओ में भारत - डब्ल्यूटीओ

डब्ल्यूटीओ की महापरिषद की बैठक में भारत ने कहा कि 2019 में विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने कमजोर वर्ग की आबादी की मदद के लिए उससे करीब 11,000 टन दाल, गेहूं और चावल जैसी जिंस लीं. भारत ने कहा कि वह पांच दशक से अधिक समय से डब्ल्यूएफपी के मानवीय कार्य में हाथ बंटाता आ रहा है.

हम पड़ोसियों को मानवीय आधार खाद्य सहायाता पहुंचाते रहते है: डब्ल्यूटीओ में भारत
हम पड़ोसियों को मानवीय आधार खाद्य सहायाता पहुंचाते रहते है: डब्ल्यूटीओ में भारत

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Published : Dec 19, 2020, 6:58 PM IST

Updated : Dec 19, 2020, 7:56 PM IST

नई दिल्ली:भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की एक बैठक में कहा कि वह अपने पड़ोसी देशों में कमजोर वर्ग की आबादी के लिए वक्त आने पर मानवीय सोच के साथ खाद्य सहायता उपलब्ध कराने में हमेशा आगे रहा है. इस तरह की सहयाता किसी वाणिज्य उद्येश्य से मुक्त होती है.

डब्ल्यूटीओ की महापरिषद की बैठक में भारत ने कहा कि 2019 में विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने कमजोर वर्ग की आबादी की मदद के लिए उससे करीब 11,000 टन दाल, गेहूं और चावल जैसी जिंस लीं. भारत ने कहा कि वह पांच दशक से अधिक समय से डब्ल्यूएफपी के मानवीय कार्य में हाथ बंटाता आ रहा है.

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देश की ओर से कहा गया, "भारत अपने पड़ोसी देशों को द्विपक्षीय आधार पर गैर-वाणिज्यक, मानवीय खाद्य सहायता के अंतर्गत बढ़-चढ़ कर अनाज उपब्ध कराता रहा है."

डब्ल्यूटीओ की तीन दिन की बैठक शुक्रवार को संपन्न हुई. भारत की ओर से जिनीवा में डब्ल्यूटीओ में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि के वक्तव्य में यह बात शामिल है.

Last Updated : Dec 19, 2020, 7:56 PM IST

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