नई दिल्ली: कुछ चुनिंदा राष्ट्रों से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को लेकर भारत की नई नीति से किसी देश को चिंतित होने की जरूरत नहीं है. सरकारी सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह बात कही. सूत्रों का इशारा स्पष्ट रूप से चीन की ओर था.
चीन ने एफडीआई के इन नए नियमों पर कड़ी आपत्ति जताई थी.
करीब एक सप्ताह पहले भारत ने अपनी थल सीमा से लगे देशों से विदेशी निवेश के लिए मंजूरी हासिल करने को अनिवार्य कर दिया था. भारत ने यह कदम कोरोना वायरस महामारी के बीच घरेलू कंपनियों के ‘अवसरवादी अधिग्रहण’ को रोकने के लिए उठाया है.
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भारत ने ऐसे समय एफडीआई नियमों को कड़ा किया है जबकि इस तरह की खबरें आ रही हैं कि कोविड-19 संकट के बीच चीन की नजर सस्ते बाजार भाव का फायदा उठाते हुए कुछ भारतीय इकाइयों की हिस्सेदारी हासिल करने पर है.
चीन ने नई नीति के लिए भारत की आलोचना करते हुए इसे पक्षपातपूर्ण बताया था. यहां तक कि पड़ोसी देश ने भारत से इन नीति की समीक्षा करने को भी कहा था.