नई दिल्ली: लगभग सभी क्षेत्रों में सुस्ती का रुख जारी रहने से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है. आर्थिक शोध संस्थान एनसीएईआर ने यह अनुमान लगाया है.
चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर घटकर पांच प्रतिशत पर आ गई. यह इसका छह साल से अधिक का निचला स्तर है.
नेशनल काउंसिल आफ एप्लायड इकनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में पूरे साल के दौरान भी जीडीपी की वृद्धि दर के घटकर 4.9 प्रतिशत रह जाएगी, जो कि 2018-19 में 6.8 प्रतिशत रही थी.
एनसीएईआर ने कहा कि आगे चलकर मौद्रिक नीति उपायों से वृद्धि में सुधार की उम्मीद नहीं है. एनसीएईआर ने इसके बजाय वित्तीय प्रोत्साहन देने का सुझाव दिया है. शोध संस्थान ने कहा कि वित्तीय प्रोत्साहन का वित्तपोषण भी यदि बेहतर राजस्व सृजन से नहीं होता है, तो यह भी चुनौतीपूर्ण ही साबित होगा.