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2024 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य अत्यंत महत्वाकांक्षी: नागराज - 000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य अत्यंत महत्वाकांक्षी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई, 2019 में दूसरा कार्यकाल संभालने के बाद अगले पांच साल में भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया था. हालांकि, इसके बाद आर्थिक मोर्चे पर दिक्कतों के कारण लक्ष्य पाने की राह में मुश्किलें बढ़ती गयी हैं.

2024 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य अत्यंत महत्वाकांक्षी: नागराज
2024 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य अत्यंत महत्वाकांक्षी: नागराज

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Published : Jan 12, 2020, 4:30 PM IST

नई दिल्ली: इंदिरा गांधी विकास एवं अनुसंधान संस्थान (आईजीआईडीआर) के प्रोफेसर आर. नागराज का मानना है कि 2024 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य अत्यंत महत्वाकांक्षीय है. उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए देश को नौ प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने की जरूरत होगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई, 2019 में दूसरा कार्यकाल संभालने के बाद अगले पांच साल में भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया था. हालांकि, इसके बाद आर्थिक मोर्चे पर दिक्कतों के कारण लक्ष्य पाने की राह में मुश्किलें बढ़ती गयी हैं.

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नागराज ने कहा, "यह लक्ष्य यदि असंभव नहीं है तो भी दशक का रिकॉर्ड देखते हुए बेहद कठिन है. मेरे पूर्वानुमान के हिसाब से पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिये वित्त वर्ष 2019-20 से 2023-24 के दौरान वास्तविक अर्थों में सालाना नौ प्रतिशत की औसत से वृद्धि करने की जरूरत है."

उन्होंने कहा, "चूंकि वृद्धि दर में गिरावट आ रही है, लक्ष्य प्राप्त करना बेहद मुश्किल लग रहा है." प्रोफेसर नागराज ने बढ़ते व्यापार तनावों को लेकर कहा कि वैश्विक व्यापार में सुधार मुश्किल लग रहा है.

उन्होंने कहा, "भारत का निर्यात से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का अनुपात 2010 की शुरुआत से लगातार गिरा है. अत: इस गिरावट के रुख के बदल जाने के मुझे कोई संकेत नहीं दिखते हैं."

यह पूछे जाने पर कि क्या आर्थिक नरमी को सिर्फ राजकोषीय उपायों से ही दूर किया जा सकता है, प्रोफेसर ने कहा कि पिछले कुछ साल में ब्याज दर घटाने से कोई मदद नहीं मिली है, अत: राजकोषीय उपायों की जरूरत है.

उन्होंने आगामी बजट के बारे में कहा, "मुझे उम्मीद है कि बजट में विश्वसनीय आंकड़ों के साथ अगले तीन-चार साल के लिये निवेश से जीडीपी के उच्च और लगातार बढ़ते अनुपात का लक्ष्य तय किया जाएगा तथा इसके लिये उचित एवं क्रियान्वयन योग्य रणनीति बनायी जाएगी."

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