नई दिल्ली: भारत और सऊदी अरब 28-29 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी आधिकारिक यात्रा के दौरान वेस्ट कोस्ट रिफाइनरी प्रोजेक्ट और भारत के रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व (एसपीआर) कार्यक्रम सहित ऊर्जा क्षेत्र में प्रमुख सौदों को अंतिम रूप देने की कोशिश करेंगे.
किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद के निमंत्रण पर सऊदी अरब का दौरा कर रहे मोदी 29 अक्टूबर को फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव (एफआईआई) के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और तीसरे सत्र में मुख्य भाषण देंगे.
मोदी राजा और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे.
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मीडिया को ब्रीफिंग करते हुए विदेश मंत्रालय के आर्थिक संबंध के सचिव टी.एस. तिरुमूर्ति ने कहा कि प्रधानमंत्री सऊदी अरब के राजा से मिलेंगे और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे.
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दोनों पक्षों को वेस्ट कोस्ट रिफाइनरी प्रोजेक्ट, महाराष्ट्र में 44 बिलियन डॉलर की एक परियोजना को अंतिम रूप देने की उम्मीद है. जिसमें सऊदी अरामको की काफी हिस्सेदारी है.
वैश्विक बड़ी कंपनियों सऊदी अरामको और अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी ने भारतीय सरकारी तेल विपणन कंपनियों इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ एक संयुक्त उद्यम बनाया था. यह उद्यम वेस्ट कोस्ट रिफाइनरी परियोजना के रूप में जानी जाने वाली रत्नागिरी रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल्स कॉर्प लिमिटेड में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती है और इसे चलाती है.
यह सौदा रिलायंस और सऊदी अरामको के बीच इस साल अगस्त में घोषित सौदे के बाद आया है. इस सौदे के अनुसार आरआईएल अपने शोधन और पेट्रोकेमिकल कारोबार में अरामको को 15 बिलियन डॉलर यानि 20 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी. सौदे की शर्तों के अनुसार सऊदी अरामको, जामनगर में आरआईएल की जुड़वां रिफाइनरियों को प्रतिदिन 5 लाख बैरल कच्चे तेल की आपूर्ति करेगा.
इस दौरे में भारतीय सामरिक पेट्रोलियम रिजर्व (एसपीआर) कार्यक्रम पर एक समझौता होने की संभावना है. जिसमें सउदी भारत की ओर से बन रहे तीन बड़े भूमिगत भंडारण सुविधाएं जो ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बन रहे हैं उसमें निवेश कर सकता है. इस साल फरवरी में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की भारत यात्रा के दौरान इस प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी.
एसपीआर कार्यक्रम के अनुसार सरकार को तीन स्थानों - विशाखापट्टनम, मंगलुरु और पाडुर (उडुपी के पास) में रणनीतिक कच्चे तेल के भंडारण के 5 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) स्थापित करने हैं. जो कच्चे तेल के मौजूदा भंडारण से ज्यादा बड़ा और अधिक होगा. भंडारण की सुविधा किसी भी बाहरी आपूर्ति व्यवधान के दौरान कुशन का काम करेगी.
दोनों पक्ष यात्रा के दौरान पहले भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी परिषद को भी मजबूत करेंगे.
विदेश मंत्रालय में पूर्व के सचिव टी.एस. त्रिमूर्ति ने कहा कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन सऊदी अरब में खुदरा दुकानों की स्थापना के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करेगा.
अपने रक्षा सहयोग को और मजबूत बनाते हुए दोनों पक्ष इस साल दिसंबर में अपना पहला संयुक्त नौसैनिक अभ्यास भी करेंगे. दोनों पक्षों के रक्षा उद्योगों के अधिकारियों ने एक-दूसरे के देशों का दौरा किया है.
उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग बढ़ाने की ओर देख रहे हैं.
उन्होंने कहा कि मोदी अपनी यात्रा के दौरान रुपे कार्ड भी लॉन्च करेंगे, जो हज यात्रियों के लिए भी उपयोगी होगा.
यूएई और बहरीन के बाद रुपे कार्ड की सुविधा पाने वाला सऊदी अरब खाड़ी क्षेत्र का तीसरा देश है. उन्होंने कहा कि राज्य में 2.6 मिलियन भारतीय समुदाय हैं, जो सालाना 11 अरब डॉलर भेजते हैं.
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