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कोरोना के कारण गई है नौकरी, तो सरकार देगी तीन महीने तक आधी सैलरी, जानिए नियम और शर्तें

सरकार ने कोरोना संकट में बेरोजगार हुए औद्योगिक कामगारों को राहत दी है. कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने कोरोना काल के बीच नौकरी गंवाने वाले कर्मचारियों को तीन माह तक 50 फीसदी औसत वेतन देने के लिए नियमों में छूट देने का फैसला किया है. इस फैसले से औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले करीब 40 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा. पढ़िए नियम और शर्तें.

कोरोना के कारण गई है नौकरी, तो सरकार देगी तीन महीने तक आधी सैलरी, जानिए नियम और शर्तें
कोरोना के कारण गई है नौकरी, तो सरकार देगी तीन महीने तक आधी सैलरी, जानिए नियम और शर्तें

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Published : Aug 21, 2020, 5:27 PM IST

Updated : Aug 21, 2020, 5:43 PM IST

बिजनेस डेस्क, ईटीवी भारत: कोरोना वायरस महामारी के कारण अगले कुछ महीनों में नौकरी गंवाने वाले या नौकरी गंवा चुके वाले औद्योगिक श्रमिकों को राहत देते हुए सरकार ने पात्रता मानदंड में छूट देते हुए नकद राहत की मात्रा बढ़ाने का फैसला किया है. यह अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के तहत बेरोजगार श्रमिकों के लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) द्वारा संचालित एक योजना है.

ईएसआईसी ने गुरुवार को एक बैठक में इसकी घोषणा की. इससे करीब 40 लाख औद्योगिक श्रमिकों को लाभ होने की उम्मीद है. इस योजना के विवरण और इसके द्वारा किए गए परिवर्तनों पर आइए एक नजर डालें.

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अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना क्या है ?

ईएसआईसी ने 1 जुलाई 2018 को अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना नामक योजना शुरू की थी. यह पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू की गई थी. इस योजना के तहत नौकरी गंवा चुके कर्मचारियों को भत्ता दिया जाएगा.

ईएसआईसी ने गुरुवार को क्या फैसला किया ?

ईएसआईसी ने अटल बीमा व्यक्ति कल्याण योजना के तहत पात्रता मानदंड में वृद्धि और बेरोजगारी लाभ के भुगतान में छूट को मंजूरी दी है. इस योजना को 30 जून 2021 तक एक और वर्ष के लिए विस्तारित करने का भी निर्णय लिया गया.

क्या हैं नए मानदंड ?

24 मार्च 2020 से 31 दिसंबर 2020 के बीच नौकरी गंवाने वाले किसी भी कामगार के लिए राहत का भुगतान अब औसत मजदूरी के 25 प्रतिशत से बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है. पहले बेरोजगार होने के 90 दिनों के बाद इसका फायदा उठाया जा सकता था. फिलहाल के लिए इसे घटाकर 30 दिन कर दिया गया है.

यदि 31 दिसंबर 2020 के बाद कर्मचारी बेरोजगार हो जाए तो क्या होगा ?

31 दिसंबर 2020 के बाद यह योजना 30 जून 2021 तक मूल पात्रता शर्त के साथ उपलब्ध होगी. इस तरह की स्थितियों की आवश्यकता और मांग के आधार पर 31 दिसंबर 2020 के बाद की स्थितियों की समीक्षा की जाएगी.

कैसे किया जा सकता है दावा ?

दावा सीधे ईएसआईसी शाखा कार्यालय में दिया जा सकता है. दावों की पहचान के लिए 12-अंकीय आधार संख्या का उपयोग किया जाएगा. भुगतान सीधे आपके बैंक खाते में किया जाएगा.

बोर्ड के निर्णय के अनुसार नियोक्ताओं से आने के लिए बीमित व्यक्ति के दावे की आवश्यकता नहीं होगी. नियोक्ता के साथ दावे का सत्यापन ईएसआईसी के शाखा कार्यालय द्वारा किया जाएगा.

कौन से औद्योगिक श्रमिक योजना के अंतर्गत आते हैं ?

ईएसआईसी दस्तावेजों के अनुसार कोई भी औद्योगिक कर्मचारी जो ईएसआईसी के तहत पंजीकृत है और अपनी बेरोजगारी के तुरंत बाद 2 साल की न्यूनतम अवधि के लिए बीमा योग्य रोजगार में है. यानी केवल उन्हीं कामगारों को इसका फायदा मिल सकेगा जो एक अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2020 तक इस योजना से जुड़े रहे. इस दौरान एक अक्तूबर 2019 से 31 मार्च 2020 के बीच कम से कम 78 दिनों का कामकाज जरूरी है.

ईएसआईसी योजना के तहत कौन से श्रमिक पंजीकरण कर सकते हैं ?

हर महीने 21 हजार रुपये तक या कम सैलरी प्राप्त करने वाले कामगार ईएसआईसी योजना के तहत पंजीकरण कर सकते हैं. हर महीने उनकी सैलरी का एक हिस्सा कटता है. जिसे ईएसआईसी के मेडिकल बेनिफिट के तौर पर डिपॉजिट किया जाता है. वर्कर्स की सैलरी से हर महीने 0.75 फीसदी और नियोक्ता की तरफ से 3.25 फीसदी प्रतिमाह ईएसआईसी किटी में जमा होता है.

Last Updated : Aug 21, 2020, 5:43 PM IST

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