मुंबई: लक्ष्मी विलास बैंक ने शुक्रवार को इंडियाबुल्स हाउजिंग फाइनैंस के साथ विलय की घोषणा की. इसका उद्देश्य अधिक पूंजी आधार और व्यापक भौगोलिक पहुंच वाला उद्यम बनाना है. बैंक ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसके निदेशक मंडल ने बैंक के इंडियाबुल्स हाउसिंग के साथ विलय को मंजूरी दे दी है.
मंजूर योजना के तहत बैंक के शेयरधारकों को प्रति 100 शेयर के बदले इंडियाबुल्स के 14 शेयर मिलेंगे. दोनों के विलय से बनने वाले उद्यम में कर्मचारियों की संख्या 14,302 होगी और 2018-19 के पहले नौ महीने की अवधि में उसका दिया गया कर्ज 1.23 लाख करोड़ रुपये होगा.
इंडियाबुल्स हाउजिंग फाइनैंस में होगा लक्ष्मी विलास बैंक का विलय - इंडियाबुल्स हाउजिंग फाइनेंस
प्रस्तावित विलय के बाद बनने वाली कंपनी के पास अधिक और मजबूत खुदरा परिसंपत्ति, वृद्धि के लिए अधिक पूंजी, नए कारोबारों में कदम रखने के लिए बड़े पैमाने पर अवसर होंगे.
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प्रस्तावित विलय के बाद बनने वाली कंपनी के पास अधिक और मजबूत खुदरा परिसंपत्ति, वृद्धि के लिए अधिक पूंजी, नए कारोबारों में कदम रखने के लिए बड़े पैमाने पर अवसर होंगे. विलय के लिए भारतीय रिजर्व बैंक समेत अन्य नियामकों से मंजूरी लेनी होगी.
लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) की मार्च 2018 अंत में कुल परिसंपत्ति 40,429 करोड़ रुपये थी और उसके पास 2,328 करोड़ रुपये की आरक्षित निधि है. दिसंबर 2018 के अंत में आईबीएच की कुल परिसंपत्ति 1,31,903 करोड़ रुपये की थी और उसकी एकीकृत शुद्ध संपत्ति 17,792 करोड़ रुपये थी. लक्ष्मी विकास बैक ने पिछले महीने क्यूआईपी के जरिए 460 करोड़ रुपये जुटाए.