हैदराबाद: साल 2019 खत्म होने को है. यह साल राजनीतिक से लेकर अन्य दूसरे क्षेत्रों में ऐतिहासिक रहा लेकिन अर्थव्यवस्था के लिहाज से बुरा रहा.
यहां ईटीवी भारत आपको 2019 के दस प्रमुख घटनाक्रमों के बारे में बता रहा जो अर्थव्यवस्था के नजर से काफी महत्वपूर्ण रहीं.
1. आर्थिक मंदी
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर देश में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य 2019 में नीचे की ओर आ गया. जनवरी-मार्च 2018 में जो जीडीपी 8.1% के उच्च स्तर पर थी वह जुलाई-सितंबर 2019 में औसतन 4.5% पर आ गई. यह गिरावट न केवल नीति निर्माताओं और व्यापार के लिए बल्कि आम आदमी के लिए भी खतरे की घंटी है.
2. प्याज की कीमतें
देश के कई हिस्सों में प्याज की कीमतों में 200 रुपये प्रति किलोग्राम का इजाफा देखा गया. इसकी बड़ी वजह बेमौसम बरसात और अवैध तरीके से प्याज की जमाखोरी रही. सरकार ने सर्तकता बरतते हुए एक लाख टन के प्याज का बफर स्टॉक बनाने का निर्णय लिया.
3. कॉरपोरेट टैक्स में कटौती
वास्तव में यह मोदी सरकार का साहसिक कदम है. सितंबर में वित्त मंत्रालय ने सभी कंपनियों के लिए प्रभावी कॉर्पोरेट कर को 25.17 प्रतिशत कर दिया. वहीं, नई विनिर्माण इकाइयों के लिए इसे 15 प्रतिशत कर दिया. सरकार को उम्मीद है कि इससे आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ अधिक विदेशी निवेश और 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा मिलेगा.
4. पीएमसी बैंक घोटाला
पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक घोटाला सितंबर में सामने आया जब आरबीआई ने उसकी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया. केंद्रीय बैंक ने उस राशि को भी सीमित कर दिया जो ग्राहक अपने खाते से निकाल सकते थे. पहले यह में 1,000 रुपये जो बाद में बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया. फिलहाल ये मामला मुंबई पुलिस द्वारा देखी जा रही है. इस घोटाले के सामने आने के बाद से अबतक लगभग पैसा नहीं निकाल पाने के कारण 10 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है.
5. बंद हुआ जेट एयरवेज
जेट एयरवेज जो कभी भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन थी. उसे अप्रैल 2019 में अपने परिचालन को स्थगित करना पड़ा. एयरलाइन पर लगभग 8,500 करोड़ रुपये का ऋण था और इसे अब भी इनसॉल्वेंसी कार्यवाही के तहत बोली लगाने वालों की तलाश में है.
6. मौद्रिक नीति
फरवरी के बाद से अबतक भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 135 आधार अंक घटाकर 5.15 प्रतिशत कर दिया है. वहीं, इसने अपने आखिरी एमपीसी बैठक में आगामी बजट को देखते हुए यथास्थिति बनाए रखी है. आरबीआई ने फरवरी से लेकर अबतक जीडीपी ग्रोथ प्रोजेक्शन में 240 आधार अंकों की कमी की है.
7. निर्मला सीतारमण का वित्त मंत्री बनना
निर्मला सीतारमण को 31 मई 2019 को वित्त और कॉरपोरेट मामलों के मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था. वह भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं. उन्होंने 5 जुलाई 2019 को संसद में अपना पहला बजट पेश किया.
निर्मला सीतारमण का वित्त मंत्री बनना 8. एजीआर
सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले के अनुसार प्रमुख दूरसंचार कंपनियों को लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के लिए लगभग 1.3 लाख करोड़ रुपये की बड़ी राशि का भुगतान करना पड़ेगा. इस फैसले के बाद देश के प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों ने मोबाइल टैरिफ में बढ़ोतरी की.
9. आरसीईपी में भारत का शामिल ना होना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा," न तो गांधी जी का तावीज़ और न ही मेरा विवेक मुझे आरसीईपी में शामिल होने की अनुमति देता है." नवंबर 2019 में भारत ने क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी में शामिल नहीं होने का फैसला किया क्योंकि समूहीकरण भारत के हितों को पर्याप्त रूप से संबोधित करने में विफल रहा.
आरसीईपी में भारत का शामिल ना होना 10. बैंकों का विलय
भारत में बैंकिंग क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 10 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मिलाकर 4 बड़े बैंकों के गठन कर दिया. यह अगले साल अप्रैल से लागू हो जाएगा. इस विलय के बाद अब देश में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 हो गई है.
- बैंक-1: ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स + यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया + पंजाब नेशनल बैंक
- बैंक-2: सिंडिकेट बैंक + केनरा बैंक
- बैंक-3: आंध्रा बैंक + कॉर्पोरेशन बैंक + यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
- बैंक-4: इलाहाबाद बैंक + भारतीय बैंक