नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय द्वारा गठित एक कार्य बल ने बुनियादी संरचना विकास को आर्थिक वृद्धि का एक अहम कारक बताते हुए कहा कि 111 लाख करोड़ रुपये के निवेश से आधारभूत क्षेत्र में नई परियोजनायें खड़ी करना व पुरानी परियोजनाओं को आधुनिक बनाना प्रतिस्पर्धिता बढ़ाने और 2025 तक भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य हासिल करने के लिये महत्वपूर्ण है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बुधवार को सौंपी गयी कार्य बल की अंतिम रिपोर्ट में कहा गया कि यह मेक इन इंडिया कार्यक्रम की सफलता के लिये विशेष रूप से महत्वपूर्ण होगा क्योंकि विनिर्माण क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता काफी कुछ बुनियादी संरचना पर निर्भर करती है.
रिपोर्ट में कहा गया कि बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से उत्पन्न होने वाली अतिरिक्त मांग अल्पकालिक वृद्धि के साथ ही सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि की संभावित दर को बढ़ाती है.
आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती की अध्यक्षता में राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) का खाका तैयार करने के लिये बनाये गये कार्य बल ने 2019-20 से 2024-25 के दौरान ढांचागत क्षेत्र की परियोजनाओं में 111 लाख करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान लगाया.
रिपोर्ट में कहा गया कि बुनियादी संरचनायें तैयार करने का काम श्रम पर निर्भर है, अत: इससे अर्थव्यवस्था में रोजगार और आय का सृजन बढ़ता है. इससे अंतत: मांग तेज होती है. बुनियादी संरचना की बेहतर क्षमता बेहतर लॉजिस्टिक्स और नेटवर्क से दक्षता में सुधार होता है, जो अर्थव्यवस्था की प्रतिस्पर्धिता को बेहतर बनाती है.