मुंबई: साख निर्धारण एजेंसी केयर रेटिंग्स ने बृहस्पतिवार को चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी में 6.4 प्रतिशत गिरावट का अनुमान जताया है.
एजेंसी ने कहा है कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये लगाये गये 'लॉकडाउन' की पाबंदियों में अभी पूरी तरह से ढील नहीं दी गयी है.
इससे पहले, एजेंसी ने मई में 2020-21 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में 1.5 से 1.6 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया था. केयर रेटिंग्स ने कहा कि देश में जुलाई में भी 'लॉकडाउन' जारी है.
कई प्रकार की सेवाओं को शुरू करने के साथ-साथ लोगों की आवाजाही पर अभी पाबंदियां बनी हुई है. स्थिति तीसरी तिमाही के अंत में सामान्य हो सकती है. बहुत संभावना है कि यह चौथी तिमाही में हो.
रेटिंग एजेंसी ने एक रिपोर्ट में कहा, "इन परिस्थितियों को देखते हुए हमारा अनुमान है कि जीडीपी में 2020-21 में 6.4 प्रतिशत और जीवीए (सकल मूल्य वर्धन) में 6.1 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है."
रिपोर्ट के अनुसार वास्तविक जीडीपी में तीव्र गिरावट का यह भी मतलब है कि बाजार मूल्य पर आधारित सकल घरेलू उत्पाद भी नीचे आएगा. यहां यह माना गया है कि मुद्रास्फीति 5 प्रतिशत रहेगी. इससे केंद्र सरकार का अनुमानित राजकोषीय घाटा प्रभावित होगा और चालू वित्त वर्ष में 8 प्रतिशत रह सकता है.
उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2019-20 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत रही जो करीब एक दशक का न्यूनतम स्तर है. रिपोर्ट के अनुसार सकारात्मक वृद्धि केवल कृषि और सरकारी क्षेत्र से आएगी.