दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

देश में ईंधन की मांग में फरवरी के बाद पहली बार सालाना आधार पर वृद्धि

पेट्रोलियम मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ के अस्थायी आंकड़े के अनुसार पेट्रोलियम उत्पादों की कुल मांग अक्टूबर महीने में 2.5 प्रतिशत बढ़कर 1.777 करोड़ टन रही जो एक साल पहले 1.734 करोड़ टन थी.

देश में ईंधन की मांग में फरवरी के बाद पहली बार सालाना आधार पर वृद्धि
देश में ईंधन की मांग में फरवरी के बाद पहली बार सालाना आधार पर वृद्धि

By

Published : Nov 13, 2020, 5:36 PM IST

नई दिल्ली:देश में ईंधन की मांग में अक्टूबर में फरवरी के बाद पहली बार सालाना आधार पर वृद्धि दर्ज की गयी है. त्योहारों से पहले डीजल की मांग बढ़ने से खपत कोविड-19 पूर्व स्तर पर आ गयी.

पेट्रोलियम मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ के अस्थायी आंकड़े के अनुसार पेट्रोलियम उत्पादों की कुल मांग अक्टूबर महीने में 2.5 प्रतिशत बढ़कर 1.777 करोड़ टन रही जो एक साल पहले 1.734 करोड़ टन थी.

पेट्रोल की मांग सितंबर में ही कोविड पूर्व स्तर पर पहुंच गयी थी. जबकि डीजल खपत पिछले महीने सामान्य स्तर पर आ गयी. डीजल की मांग 7.4 प्रतिशत बढ़कर 65 लाख टन रही जबकि पेट्रोल की बिक्री 4.5 प्रतिशत बढ़कर 25.4 करोड़ टन थी. डीजल खपत में वृद्धि एक साल में सर्वाधिक रही.

कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये अप्रैल में देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से औद्योगिक गतिविधियां लगभग ठप रहीं और वाहन सड़कों से गायब थे. देशव्यापी 69 दिनों के ‘लॉकडाउन’ के बाद स्थानीय और राज्य स्तरीय पाबंदियां लगायी गयीं. धीरे-धीरे और चरणबद्ध तरीके से पाबंदियों को हटाया गया और संक्रमण वाले क्षेत्रों में स्थानीय तौर पर पाबंदियां जारी रहीं.

देश में त्योहारों के कारण खपत बढ़ी है लेकिन सार्वजनिक परिवहन अभी सामान्य स्तर पर नहीं आया है. स्कूल और शैक्षणिक संस्थान देश के ज्यादातर भागों में बंद हैं. नाफ्था की मांग अक्टूबर में 15 प्रतिशत ढ़कर 13 लाख टन रहा.

ये भी पढ़ें:दीपावली से पहले धनतेरस में रोशन हुआ बाजार, सिक्कों और हल्के आभूषणों की बिक्री बढ़ी

बिजली के साथ पेट्रोरसायन उत्पादन में औद्योगिक ईंधन के रूप में इसका उपयोग होता है. नाफ्था के साथ अन्य औद्योगिक ईंधन की मांग में वृद्धि आर्थिक गतिविधियों के पटरी पर आने का संकेत है. सड़क निर्माण में उपयोग होने वाले तारकोल की खपत आलोच्य महीने में 48 प्रतिशत उछलकर 6,62,000 टन रही.

रसोई गैस (एलपीजी) की खपत 3 प्रतिशत बढ़कर 24 लाख टन रही. लेकिन विमान ईंधन (एटीएफ) की बिक्री घटकर लगभग आधी यानी 3,35,000 टन रही. इसका कारण यह है कि अभी एयरलाइंस का परिचालन पूरी तरह शुरू नहीं हो पाया है.

(पीटीआई-भाषा)

ABOUT THE AUTHOR

...view details