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वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का चीन से निकलकर दूसरे देशों की ओर जाना भारत के लिए होगा फायदेमंद

फिक्की ने एक सर्वेक्षण में कहा गया कि कोविड-19 का एक बड़ा परिणाम यह है कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला चीन से दूसरी अर्थव्यवस्थाओं यानी देशों की ओर जा रही है. इस कदम से भारत को लाभ होगा और आने वाले समय में विनिर्माण का अच्छा खासा हिस्सा चीन से भारत का रुख करेगा.

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Published : Dec 28, 2020, 7:55 PM IST

वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का चीन से निकलकर दूसरे देशों की ओर जाना भारत के लिए होगा फायदेमंद
वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का चीन से निकलकर दूसरे देशों की ओर जाना भारत के लिए होगा फायदेमंद

नई दिल्ली : कोविड-19 महामारी के मद्देनजर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का चीन से बाहर निकलकर दूसरी अर्थव्यवस्थाओं की रुख करना भारत के लिए फायदेमंद हो सकता है. एक सर्वेक्षण में यह बात कही गई है.

उद्योग मंडल फिक्की और ध्रुव एडवाइजर्स ने इस महीने की शुरुआत में यह सर्वेक्षण किया. इसमें 150 से ज्यादा कंपनियों को शामिल किया गया है.

फिक्की ने सर्वेक्षण के निष्कर्षों पर कहा, "कोविड-19 का एक बड़ा परिणाम यह है कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला चीन से दूसरी अर्थव्यवस्थाओं यानी देशों की ओर जा रही है. सर्वेक्षण में शामिल करीब 70 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि इस कदम से भारत को लाभ होगा और आने वाले समय में विनिर्माण का अच्छा खासा हिस्सा चीन से भारत का रुख करेगा."

सर्वेक्षण में कहा गया है कि अगले साल की शुरुआत में कोविड-19 का टीका आने की संभावना ने व्यवसायों के आत्मविश्वास को बढ़ाया है. लगभग 74 प्रतिशत प्रतिभागियों को उम्मीद है कि टीका उपलब्ध होने के बाद उनके कारोबार पर सकारात्मक असर दिखाई पड़ेगा.

हालांकि, भारत की ओर आने वाले अवसरों को भुनाने के लिए देश के विनिर्माण तंत्र को मजबूत किए जाने की जरूरत है. आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत सरकार ने कई उपाये किए हैं ताकि अर्थव्यवस्था को दुरुस्त और भारत की विनिर्माण प्रतिस्पर्धा को सुधारने के लिए कदम उठाये जा सके.

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सर्वेक्षण में शामिल कंपनियों में 45 प्रतिशत ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज 3.0 के तहत की गई नवीन घोषणाओं को 'अच्छे से लेकर उत्कृष्ट' तक रेटिंग दी है.

फिक्की के अध्यक्ष उदय शंकर ने कहा, "सर्वेक्षण के नतीजे उत्साहजनक हैं और औद्योगिकी और आर्थिक सुधार की ओर इशारा कर रहे हैं. इस गति को बनाए रखने की जरूरत है और सभी की निगाहें आगामी बजट पर हैं."

उनका मानना है कि अभूतपूर्व सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों को देखते हुए यह बजट पूरी तरह से अलग रहने वाला है और भरोसा जताया है कि सरकार इन चुनौतियों को दूर करने के लिए साहसिक कदम उठाएगी.

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