दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

2021 में सुस्त पड़कर 6.5 प्रतिशत रहेगी भारत की वृद्धि दर : फिच - india-medium-term-growth

भारतीय अर्थव्यवस्था पर टिप्पणी में फिच रेटिंग्स ने कहा, 'आपूर्ति पक्ष के साथ मांग पक्ष की अड़चनों...मसलन वित्तीय क्षेत्र की कमजोर स्थिति की वजह से भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर महामारी के पूर्व के स्तर से नीचे रहेगी.'

6.5 प्रतिशत रहेगी भारत की वृद्धि दर : फिच
6.5 प्रतिशत रहेगी भारत की वृद्धि दर : फिच

By

Published : Jan 14, 2021, 1:30 PM IST

नई दिल्ली :भारतीय अर्थव्यवस्था को कोरोना वायरस महामारी का प्रभाव लंबे समय तक झेलना होगा. फिच रेटिंग्स ने गुरुवार को कहा कि अगले वित्त वर्ष (2021-22) में भारतीय अर्थव्यवस्था 11 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि दर्ज करेगी. लेकिन उसके बाद 2022-23 से 2025-26 तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सुस्त पड़कर 6.5 प्रतिशत के आसपास रहेगी.

भारतीय अर्थव्यवस्था पर टिप्पणी में फिच रेटिंग्स ने कहा, 'आपूर्ति पक्ष के साथ मांग पक्ष की अड़चनों...मसलन वित्तीय क्षेत्र की कमजोर स्थिति की वजह से भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर महामारी के पूर्व के स्तर से नीचे रहेगी.'

फिच ने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से भारत में मंदी की स्थिति दुनिया में सबसे गंभीर है. सख्त लॉकडाउन और सीमित वित्तीय समर्थन की वजह से ऐसी स्थिति बनी है.

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अर्थव्यवस्था की स्थिति अब सुधर रही है. अगले कुछ माह के दौरान वैक्सीन आने की वजह से इसे और समर्थन मिलेगा.

पढ़ें :चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 7.7 प्रतिशत गिरावट का अनुमान: सरकारी आंकड़े

'हमारा अनुमान है कि 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगी. चालू वित्त वर्ष 2020-21 में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 9.4 प्रतिशत की गिरावट आएगी.'

फिच रेटिंग्स ने कहा कि कोविड-19 संकट शुरू होने से पहले ही भारतीय अर्थव्यवस्था नीचे आ रही थी. 2019-20 में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 4.2 प्रतिशत पर आ गई थी. इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 6.1 प्रतिशत रही थी.

इस महामारी की वजह से देश में 1.5 लाख लोगों की जान गई है. हालांकि, यूरोप और अमेरिका की तुलना में भारत में महामारी की वजह से मृत्यु दर कम है, लेकिन आर्थिक प्रभाव कहीं अधिक गंभीर है.

चालू वित्त वर्ष की पहली अप्रैल-जून की तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की भारी गिरावट आई थी. वहीं जुलाई-सितंबर की दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था 7.5 प्रतिशत नीचे आई थी. इससे एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था मंदी की गिरफ्त में आ गई थी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details