नई दिल्ली: देश भर में कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये जारी 'लॉकडाउन' (बंद) से उड़ान, परिवहन के अन्य साधन समेत आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप हैं.
इससे देश की अर्थव्यवस्था को हर दिन करीब 4.64 अरब डॉलर (35 हजार करोड़ रुपये) का तथा पूरे 21 दिन में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) को 98 अरब डॉलर का नुकसान होगा.
रेटिंग एजेंसी एक्यूट रेटिंग्स एंड रिसर्च ने बृहस्पतिवार को यह कहा. कोरोना वायरस के तेजी से फैलने से वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई हैं.
भारत में इसके कारण मार्च के शुरू से ही आंशिक बंद की स्थिति थी और 25 मार्च से इसमें पूर्ण बंद की घोषणा की गयी.
साख निर्धारण एजेंसी ने एक बयान में कहा, "देशव्यापी बंद 15 अप्रैल से समाप्त होगा. लेकिन महामारी के तेजी से फैलने पर आर्थिक गतिविधियों के लंबे समय तक प्रभावित रहने का खतरा है."
मौजूदा संकट के दुनिया के साथ ही भारत में गंभीर आर्थिक परिणाम होंगे. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष पहले ही वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये मंदी की आशंका जता चुका है.
एक्यूट रेटिंग्स के अनुसार चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर में 5-6 प्रतिशत की गिरावट की आशंका है. दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में भी वृद्धि अगर होगी भी तो बहुत हल्की होगी."
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रिपोर्ट के अनुसार 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर 2 से 3 प्रतिशत ही रहेगी. यह स्थिति इस आधार पर है कि वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी छमाही में आर्थिक पुनरूद्धार तेजी से होगा.
एक्यूट रेटिंग्स एंड रिसर्च के मुख्य कार्यपालक अधिकारी शंकर चक्रवर्ती ने कहा, "हमारा अनुमान है कि लॉकडाउन से हर दिन करीब 4.64 अरब डॉलर का नुकसान अर्थव्यवस्था को होगा. इसके आधार पर 21 दिन के बंद से जीडीपी को 98 अरब डॉलर का नुकसान होने की आशंका है."
(पीटीआई-भाषा)