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भारत को वित्तीय आपातकाल में धकेला जा रहा : कांग्रेस - बिजनेस न्यूज

आंकड़ों का हवाला देते हुए कांग्रेस पार्टी ने कहा, "आईएलओ रिपोर्ट के अनुसार, 40 करोड़ भारतीयों को गरीबी रेखा के नीचे धकेला जा रहा है और 80 लाख लोगों को ईपीएफओ खातों से 30,000 करोड़ रुपये निकालने के लिए मजबूर किया गया. अप्रैल और जुलाई 2020 के बीच, दो करोड़ वेतनभोगियों ने अपनी नौकरियां गंवाई. असंगठित क्षेत्र में, लॉकडाउन के दौरान 10 करोड़ लोगों की नौकरियां चली गई."

भारत को वित्तीय आपातकाल में धकेला जा रहा : कांग्रेस
भारत को वित्तीय आपातकाल में धकेला जा रहा : कांग्रेस

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Published : Sep 3, 2020, 5:31 PM IST

Updated : Sep 3, 2020, 5:46 PM IST

नई दिल्ली: आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार पर दबाव बनाते हुए, कांग्रेस ने गुरुवार को आरोप लगाया कि देश को 'वित्तीय आपातकाल' की ओर धकेला जा रहा है. किसान, मध्यवर्ग और युवा सरकार की खराब नीतियों का भार ढो रहे हैं.

आंकड़ों का हवाला देते हुए, पार्टी ने कहा, "आईएलओ रिपोर्ट के अनुसार, 40 करोड़ भारतीयों को गरीबी रेखा के नीचे धकेला जा रहा है और 80 लाख लोगों को ईपीएफओ खातों से 30,000 करोड़ रुपये निकालने के लिए मजबूर किया गया. अप्रैल और जुलाई 2020 के बीच, दो करोड़ वेतनभोगियों ने अपनी नौकरियां गंवाई. असंगठित क्षेत्र में, लॉकडाउन के दौरान 10 करोड़ लोगों की नौकरियां चली गई."

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एक प्रेस कांफ्रेंस संबोधित करते हुए, कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई, क्योंकि जीडीपी रसातल में है. नोटबंदी-जीएसटी-लॉकडाउन मास्टर स्ट्रोक्स नहीं थे, बल्कि डिजास्टर स्ट्रोक्स थे."

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने 'धोखाधड़ी करके' छह वर्षो में अर्थव्यवस्था को डुबा दिया.

सुरजेवाला ने कहा, "यह दुखद है कि बीते 73 सालों में यह एक सरकार है, जिसने अपने खुद के धोखाधड़ी और झांसे के लिए भगवान को दोषी ठहराया है."

सुरजेवाला ने कहा, "सरकार किसी भी कीमत पर और हर कीमत पर सत्ता में बने रहने के एकमात्र उद्देश्य के साथ अर्थव्यवस्था को समाप्त करने, किसानों की मेहनत और युवाओं की आकांक्षाओं को खत्म करने के लिए अहंकार के नशे में चूर है."

सुरजेवाला ने कहा, "सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग से पूछिए और वो आपको बताएंगे कि न तो बैंक वित्तीय सहायता या फिर लोन देते हैं और न ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के शब्दों का कोई मतलब है. दूसरी तरफ, बैंकों का सरकार पर कोई विश्वास नहीं है और सरकार का आरबीआई पर कोई विश्वास नहीं है. राज्यों का केंद्र सरकार पर कोई भरोसा नहीं है. हर जगह अविश्वास का माहौल व्याप्त है."

पार्टी ने इसके अलावा एनसीआरबी के डाटा का हवाला दिया और कहा, "14,019 बेरोजगार युवक ने 2019 में आत्महत्या कर ली, जिसका मतलब है 38 बेरोजगार युवक रोज आत्महत्या करते हैं. 42,480 किसान और मजदूरों ने भी 2019 में आत्महत्या की. इसका मतलब है कि 116 किसान और कृषि मजदूर प्रतिदिन आत्महत्या करते हैं."

(आईएएनएस)

Last Updated : Sep 3, 2020, 5:46 PM IST

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