नई दिल्ली: उद्योग मंडल फिक्की ने कहा है कि घरेलू कंपनियों के आत्मविश्वास में वैश्विक वित्तीय संकट 2008-09 के बाद इस समय सबसे ज्यादा कमी आयी है. कोरोना वायरस महामारी के कारण कंपनियों का करोबार प्रभावित है. फिक्की के 'कारोबारी आत्मविश्वास सर्वे' के अनुसार सरकार के समय पर कदम उठाने से घरेलू अर्थव्यवस्था तेजी से सामान्य स्थिति में आएगी. उद्योग मंडल ने रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दर में 1 प्रतिशत की और कटौती की भी मांग की है.
सर्वे के अनुसार कोरोना वायरस महामारी के कारण वैश्विक आथिक संभावना खराब हुई है. भारत समेत कई देशों को महामारी को फैलने से रोकने के लिये कड़ाई से सामाजिक दूरी और 'लॉकडाउन' (बंद) का पालन करना पड़ा है. इसके कारण आर्थिक गतिविधियां ठप हुई हैं.
फिक्की ने कहा, "कुल मिलाकर व्यापार भरोसा सूचकांक चालू दौर में 42.9 रहा जबकि पिछले सर्वे में सूचकांक मूल्य 59 था. इससे पहले 2008-09 में वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान सूचकांक मूल्य 37.8 था. उद्योग मंडल ने कहा ककि मौजूदा स्थिति के साथ-साथ भविष् को लेकर उम्मीद प्रभावित होने से सूचकांक मूल्य नीचे आया है.
फिक्की ने कोरोना वायरस महामारी के बीच रोजगार बनाये रखने के लिये पूरे उद्योग खासकर सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों के लिये सब्सिडी, नीतिगत समर्थन, कर अवकाश और विशेष कोष के रूप में सरकार से वित्तीय पैकेज की मांग की. उद्योग मंडल ने कहा, "बैंकों में निर्णय लेने वालों के बीच एक भरोसा पैदा करने के लिये तत्काल कदम उठाने की जरूरत है. साथ ही पूरी कर्ज प्रकिया को बेहतर और आसान बनाने के लिये प्रयास किये जाने चाहिए."
उसने यह भी कहा कि श्रम बाजार में सुधार समय की जरूरत है और इस दिशा में प्राथमिकता के साथ कदम उठाने की जरूरत है.