नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के पिछले छह साल में किये गये कर सुधारों का जिक्र करते हुए बुधवार को कहा कि भारत कर प्रशासन के मामले में दहशतगर्ती के माहौल से निकल कर अब कर पारदर्शी व्यवस्था की ओर बढ़ चुका है.
ओडिशा के कटक में आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के कार्यालय-सह-रिहायशी परिसर का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कंपनी कर में कटौती, व्यक्तिगत करदाताओं के लिये दरों को लेकर सरल ढांचा, फेसलेस अपील (पहचान रहित) और तेजी से किये जा रहे रिफंड का उल्लेख किया.
प्रधानमंत्री ने कहा, "पिछली सरकारों में कर-दहशतगर्दी की शिकायत आम बात थी. देश अब इसको पीछे छोड़ते हुए कर पारदर्शिता की ओर बढ़ा है."
उन्होंने कहा, "देश कर-दहशतर्गी से कर पारदर्शिता की ओर बढ़ा है और यह इसीलिए संभव हुआ है क्योंकि हमने सुधार (रिफार्म), काम (परफार्म) और बदलाव (ट्रांसफार्म) की अवधारणा का अनुसरण किया."
मोदी ने कहा कि आजादी के बाद करदाता और कर संग्रह करने वालों के बीच शोषण और शोषण के संबंधों को बदलने के लिये बहुत कुछ नहीं किया गया. प्रधानमंत्री ने कहा कि लेकिन अब चीजें बदल रही हैं. उन्होंने 'फेसलेस अपील', तेजी से जारी कर वापसी और विवाद समाधान प्रणाली का जिक्र किया.