नई दिल्ली: देश में विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट और कृषि क्षेत्र में पिछले साल के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत पर रह गयी.
दूसरी तिमाही में जीडीपी विकास दर गिरकर 4.5 प्रतिशत एक साल पहले 2018-19 की इसी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत थी. वहीं चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 5 प्रतिशत थी.
इससे पहले 2012-13 की जनवरी-मार्च तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 4.3 प्रतिशत दर्ज की गई थी.
छह महीने की अवधि (अप्रैल-सितंबर 2019) के दौरान, भारतीय अर्थव्यवस्था 4.8 प्रतिशत बढ़ी जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 7.5 प्रतिशत थी.
ये भी पढ़ें:आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन अक्टूबर में 5.8 प्रतिशत
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा शुक्रवार को जारी जीडीपी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 की जुलाई-सितंबर के दौरान स्थिर मूल्य (2011-12) पर जीडीपी 35.99 लाख करोड़ रुपये रहा जो पिछले साल इसी अवधि में 34.43 लाख करोड़ रुपये था. इस प्रकार, दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रही.
आलोच्य तिमाही में कृषि, वानिकी और मत्स्यन पालन क्षेत्र में 2.1 प्रतिशत और खनन और उत्खनन में 0.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी. वहीं विनिर्माण क्षेत्र में इस दौरान 1 प्रतिशत की गिरावट रही. इन तीनों समूह के खराब प्रदर्शन के कारण आर्थिक वृद्धि दर कमजोर रही.
इसके अलावा बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगकी सेवाओं के क्षेत्र में चालू वित्त वर्ष जुलाई-सितंबर तिमाही में 3.6 प्रतिशत और निर्माण क्षेत्र में 3.3 प्रतिशत वृद्धि रहने का अनुमान लगाया गया है.
आलोच्य तिमाही में सकल मूल्य वर्द्धन (जीवीए) 4.3 प्रतिशत रहा. जबकि एक साल पहले 2018-19 की इसी तिमाही में यह 6.9 प्रतिशत थी.
जीडीपी आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत की लगातार गिरती विकास दर चिंताजनक है.
जीडीपी आंकड़ों पर मनमोहन सिंह का बयान जीडीपी विकास दर के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए वित्त मंत्रालय ने कहा कि सरकार जीडीपी दरों पर नजर बनाई हुई है.
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग के सचिव अतनु चक्रवर्ती ने कहा, "हम जीडीपी वृद्धि की दर की घोषणा पर ध्यान देते हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था के मूल तत्व मजबूत हैं. वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही से जीडीपी ग्रोथ बढ़ने की उम्मीद है."