नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद का फिलहाल द्विपक्षीय व्यापार संबंधों पर असर नहीं पड़ेगा। विशेषज्ञों ने यह कहा. हालांकि विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि अगर स्थिति आगे और बिगड़ती है, तब इसका असर द्विपक्षीय व्यापार रिश्तों पर पड़ सकता है.
भारतीय निर्यात संगठनों का महासंघ (फियो) के अध्यक्ष एस के सर्राफ ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि सीमा पर दोनों देशों के बीच मौजूदा तनाव को लेकर द्विपक्षीय व्यापार रिश्तों पर फिलहाल असर पड़ेगा."
उन्होंने कहा कि दोनों देशों की कंपनियों के लिये एक-दूसरे के बाजारों में व्यापक मौके हैं. लुधियाना के हैंड टूल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष चंद्र रलहान ने कहा कि भारतीय निर्यातकों के लिये चीन बड़ा बाजार है और बढ़ते व्यापार घाटा को कम करने के लिये पड़ोसी देश को निर्यात बढ़ाने के उपायों पर गौर करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, "चीन से आयात पर किसी भी तरह की पाबंदी हमारे निर्यात को प्रभावित कर सकता है. लेकिन अगर तनाव बढ़ता है तो निश्चित रूप से इसका द्विपक्षीय व्यापार संबंधों पर असर पड़ेगा."
कपड़ा निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के चेयरमैन ए शक्तिवेल ने भी कहा कि अगरे दोनों देश जल्दी ही मसले का समाधान नहीं कर पाये, तब व्यापार पर असर पड़ सकता हैं.
उन्होंने कहा, "अगर स्थिति बिगड़ती है, तब समस्या होगी. हम बड़ी मात्रा में उन्हें परिधान निर्यात नहीं करते लेकिन हम चीन से काफी कपड़ा आयात करते हैं."
जवाहरलाल नेहरू विश्विविद्यालय के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर विश्वजीत धर ने कहा कि चीन पर किसी प्रकार की व्यापार पाबंदी का असर भारत पर पड़ सकता है.