वाशिंगटन : अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने वैश्विक आर्थिक माहौल को 'नाजुक' बताया है लेकिन इसके मंदी में फंसने के आसार नहीं लगते. उनका कहना है कि अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर इस समय ठीकठाक चल रही है, पर इसको झटका लगने के जोखिम भी बने हुए है.
गोपीनाथ ने कहा, "वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि ठीकठाक चल रही है और न्यूनतम आधार पर आकलन में भी मंदी आने के आसार नहीं लगते पर ऐसे कई जोखिम बने हुए है जो इसे नीचे गिरा सकते हैं." वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2020 के बाद साढ़े तीन प्रतिशत पर स्थिर होने की उम्मीद है.इसमें चीन और भारत की वृद्धि दर और वैश्विक आय में उनकी हिस्सेदारी का अहम योगदान होगा.
आईएमएफ और विश्वबैंक की सालना बैठक से पहले एक ब्लॉग पोस्ट में गोपीनाथ ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की आर्थिक वृद्धि दर पांच प्रतिशत पर स्थिर टिकी रहेगी और एशिया क्षेत्र की वृद्धि दर अन्य क्षेत्रों से तेज रहेगी.
ठीक इसी तरह का रुख कम आय वाले देशों में देखने को मिलता है, विशेषकर ऐसे देशों में जहां सामानों का आयात ज्यादा है. उन्होंने चेतावनी दी कि व्यापार नीतियों को लेकर तनाव और गहरा सकता है. यह वाहन उद्योग जैसे कई अन्य क्षेत्रों को प्रभावित करने में अहम भूमिका के साथ वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बड़ा व्यवधान खड़ा कर सकता है.
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