नई दिल्ली: कोरोनाकाल में सबसे ज्यादा प्रभावित पर्यटन एवं आतिथ्य (टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी) के क्षेत्र में अब कारोबार पटरी पर लौटने लगा है और अनलॉक-4.0 में दी गई ढील से इस क्षेत्र में और सुधार की उम्मीद जताई जा रही है.
होटल, रिसॉर्ट और हिल स्टेशनों में घरेलू पर्यटकों की आवाजाही धीरे-धीरे बढ़ने लगी है. हालांकि जानकारों कहा कहना है कि इस कारोबार के पूरी तरह पटरी पर लौटने में ढाई से तीन साल लगेंगे.
आईटीसी के पूर्व सीईओ और उद्योग संगठन सीआईआई के टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी नेशनल कमेटी के सलाहकार दीपक हक्सर ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि घरेलू पर्यटक अब सैर-सपाटे के लिए जाने लगे हैं. इससे टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में ग्रीन सुट्स यानी सुधार दिखने लगे हैं.
उन्होंने कहा, "डोमेस्टिक लीजर ट्रेवल यानी फुर्सत के क्षण में सैर-सपाटे पर जाने वाले पर्यटकों की मांग बढ़ी है और वे होटल व रिसॉर्ट जाने लगे हैं. हिमाचल, उत्तराखंड जैसे पहाड़ी पर्यटक स्थलों के साथ-साथ हरियाणा, राजस्थान व अन्य राज्यों के पर्यटक स्थलों को लोग जाने लगे हैं."
उन्होंने कहा कि फिलहाल घरेलू पर्यटकों से ही टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में सुधार की उम्मीद है, विदेशी पर्यटकों के आने के बारे में अभी सोच भी नहीं सकते.
दीपक हक्सर ने कहा कि हिंदुस्तान में ज्यादातर होटल कारोबार बिजनेस ट्रैवलर यानी कारोबार के सिलसिले में यात्रा करने वाले पर्यटकों की मांग पर चलता है, लेकिन इसमें सुधार होने में अभी वक्त लगेगा. उन्होंने बताया कि तीसरा सेगमेंट मीटिग, इन्सेंटिव्स, कंवेंशंस और इवेंट्स (माइस) का है, जिसमें संभावना है, लेकिन अभी कुछ प्रतिबंध हैं.
अनलॉक-4.0 में सरकार ने सामाजिक, अकादमिक, खेल, मनोजरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनीतिक कार्यक्रमों व अन्य समागमों का आयोजन 21 सितंबर से करने की इजाजत दी है, लेकिन इनमें शामिल होने के लिए लोगों की संख्या 100 से अधिक नहीं होगी.