मुंबई : भारत के कोरोना वायरस के खिलाफ हर्ड इम्यूनिटी हासिल करने में अक्टूबर तक का समय लगने की संभावना है. साथ ही देश को अपने टीकाकरण अभियान में तेजी लाने की जरूरत है. एसबीआई इकोरैप की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है.
रिपोर्ट लिखे जाने तक देश में कोरोना के लगभग 16.50 करोड़ वैक्सीन की खुराकें दी गई थी. जिसमें से लगभग 13.10 करोड़ लोगों ने कोरोना का पहला डोज लिया था, जबकि 3.15 करोड़ लोगों को कोरोना के दोनों टीके लग गए थे.
इस हिसाब से कोरोना की दोनों खुराक लेने वालों लोग लगभग 19.5 फीसदी हैं. वहीं अप्रैल में प्रतिदिन 28 लाख टीकों की औसत मई में घटकर 17 लाख रह गई.
एसबीआई के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ सौम्य कांति घोष द्वारा लिखित रिपोर्ट में कहा गया है कि इस प्रवृत्ति को देखते हुए भारत अक्टूबर 2021 तक देश की कुल आबादी के 15 फीसदी लोगों को कोरोना के टीके लगाने में सफल होगा (जो कि अन्य देशों के रूझानों को देखते हुए हर्ड इम्यूनिटी के लिए आवश्यक है). लेकिन यह तभी हो पाएगा, यदि हम सितंबर-अक्टूबर में 55 लाख व्यक्तियों को रोजाना टीका लगा पाएंगे.
रिपोर्ट में कहा गया अभी तक केवल टीकाकरण को ही कोविड संकट को रोकने के एक मात्र चालक के रूप में पाया गया है. और शौधकर्ताओं ने पाया है कि प्रत्येक राज्य को मिलने वाले टीकों की संख्या राज्य में 18 वर्ष से अधिक आयु वाली जनसंख्या, कुल मृत्यु, कोरोना मामलों सहित अन्य बिंदुओं पर निर्भर करते हैं.