नई दिल्ली: विभिन्न उद्योगो द्वारा दरों में कटौती की सिफारिश, राजस्व की स्थिति को ध्यान में रखते हुए और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए शुक्रवार को जीएसटी परिषद एक महत्वपूर्ण बैठक करेगा.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (संघ शासित प्रदेशों) की सम्मिलित जीएसटी परिषद की 37वीं बैठक गोवा में होगी, जिसमें चालू वित्त विर्ष की पहली तिमाही के दौरान आर्थिक विकास के छह साल के निचले स्तर 5 फीसदी पर आने का प्रभावी असर होगा.
आर्थिक मंदी के चलते विभ्न्न क्षेत्रों- बिस्कुट से लेकर ऑटोमोबाइल और एफएमसीजी से लेकर होटलों तक ने कर दरों में कटौती की मांग की है.
उद्योग | वर्तमान जीएसटी दर | मांग |
ऑटोमोबाइल उद्योग | 28 फीसदी | 18 फीसदी |
दूरसंचार उद्योग | 18 फीसदी | 12 फीसदी |
होटल उद्योग(टैरिफ 7,500 और अधिक) | 28 फीसदी | 18 फीसदी |
बिस्कुट उद्योग (कम लागत) | 18 फीसदी | 5 फीसदी |
बिस्कुट उद्योग (प्रीमियम) | 18 फीसदी | 12 फीसदी |
माल और सेवा कर (जीएसटी) की दरों को और कम करके खपत और घरेलू मांग को बढ़ावा देने के लिए तर्क का प्रचार किया गया है.
हालांकि, कई राज्यों का विचार है कि इस चरण में जीएसटी दर में कटौती की अनुमति देना कर योग्य नहीं होगा, क्योंकि क्षतिपूर्ति उपकर निधि, जिसका उपयोग राज्यों को जीएसटी अधिनियम के तहत क्षतिपूर्ति करने के लिए किया जाता है, यदि राजस्व नीचे है लक्षित विकास दर, नकारात्मक हो गई है.
इस बीच, सूत्रों के मुताबिक, जीएसटी काउंसिल की फिटमेंट कमेटी, जिसमें केंद्र और राज्यों दोनों के राजस्व अधिकारी शामिल हैं, ने बिस्कुट से लेकर कार तक, तंग राजस्व स्थिति के कारण वस्तुओं पर कर की दर में कटौती की मांग को खारिज कर दिया है.
ये भी पढ़ें:मार्च, 2020 तक एमएसएमई के दबाव वाले कर्ज को एनपीए घोषित नहीं किया जाएगा : वित्त मंत्री