नई दिल्ली: माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने रीयल्टी कंपनियों के लिए इनपुट कर क्रेडिट के साथ पुरानी जीएसटी दर का विकल्प चुनने की समयसीमा को 10 दिन बढ़ाकर 20 मई कर दिया है. रीयल्टी कंपनियां मौजूदा जारी परियोजनाओं के लिए यह विकल्प चुन सकती हैं या नई निचली कर दर व्यवस्था की ओर स्थानांतरित हो सकती हैं.
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई वाली जीएसटी परिषद ने मार्च में रीयल एस्टेट कंपनियों को इनपुट कर क्रेडिट का लाभ लिए आवासीय इकाइयों के लिए पांच प्रतिशत तथा सस्ते आवास खंड के लिए एक प्रतिशत की जीएसटी दर विकल्प चुनने की अनुमति दी थी. कंपनियों को यह विकल्प एक अप्रैल, 2019 से चुनना था.