मुंबई : बैंकों की सकल गैर निष्पादित आस्तियां (NPA) यानी कुल फंसा कर्ज और शुद्ध NPA मार्च, 2022 के अंत तक घटकर क्रमशः 6.9-7 प्रतिशत और 2.2 से 2.3 प्रतिशत तक आने का अनुमान है. मार्च 2021 को समाप्त वित्त वर्ष में यह क्रमशः 7.6 प्रतिशत और 2.5 प्रतिशत था. रेटिंग एजेंसी इक्रा की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है. सकल NPA और शुद्ध NPA 31 मार्च, 2020 को क्रमशः 8.6 प्रतिशत और 3.0 प्रतिशत थे.
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने कहा कि सकल NPA और शुद्ध NPA के मार्च, 2022 तक घटकर 6.9-7 प्रतिशत और 2.2-2.3 प्रतिशत तक आने उम्मीद है. इससे बैंकों के मुनाफे के मोर्चे पर कुछ राहत मिल सकेगी. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान किसी नियामकीय राहत के अभाव में नए एनपीए का सृजन उच्चस्तर पर बना रहा.
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