नई दिल्ली: सरकार की कुल देनदारियां जनवरी-मार्च की तिमाही में इससे पिछली तिमाही के मुकाबले 0.8 प्रतिशत बढ़कर 94.62 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गईं. वित्त मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
लोक ऋण प्रबंधन पर तिमाही रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 मार्च, 2020 तक कुल बकाया देनदारियों में लोक या सार्वजनिक ऋण का हिस्सा 90.9 प्रतिशत था.
रिपोर्ट में कहा गया है, "अस्थायी आंकड़ों के अनुसार सरकार की कुल देनदारियां (लोक खाते में देनदारियों सहित) मार्च, 2020 के अंत तक बढ़कर 94,89,267 करोड़ रुपये पर पहुंच गईं, जो दिसंबर, 2019 के अंत तक 93,89,267 करोड़ रुपये थीं."
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारी के प्राथमिक बांड निर्गमों पर पर भारांकित औसत ईल्ड (प्रतिफल) घटकर 6.70 प्रतिशत रह गया जो अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में 6.86 प्रतिशत था. इन देनदारियों में एक साल से कम समय में परिपक्व होने वाले बांड (दिनांकित प्रतिभूतियां) का अनुपात घटकर 3.90 प्रतिशत रह गया, जो दिसंबर, 2019 के अंत तक 6.64 प्रतिशत था.
वहीं मार्च के अंत तक एक से पांच साल में परिपक्व होने वाले बांडों का अनुपात 25.07 प्रतिशत रहा, जो इसे पिछली तिमाही में 25.09 प्रतिशत था. मार्च, 2020 के अंत तक कुल बकाया बांड या ऋण में अगले पांच साल में परिपक्व होने वाले बांड 29 प्रतिशत थे.
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इसके अलावा मार्च, 2020 के अंत तक केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों में वाणिज्यिक बैंकों का हिस्सा 40.4 प्रतिशत था, जो 31 मार्च, 2019 को 40.3 प्रतिशत था.