नई दिल्ली: सरकारी विभागों और एजेंसियों को गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) के जरिए खरीदे गए उत्पादों के लिए वेंडरों को, ज्यादातर एमएसएमई को विलंब से भुगतान पर ब्याज का भुगतान करना होगा. यह व्यवस्था एक अक्टूबर से लागू होगी.
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने शुक्रवार को एक ऑफिस मेमोरैंडम के जरिए कहा कि यदि सहमति रसीद और स्वीकृति प्रमाण-पत्र (सीआरएसी) के स्वत: जनरेट होने या खरीददार द्वारा जारी किए जाने के 10 दिनों के भीतर भुगतान नहीं किया गया तो संबंधित विभाग को भुगतान में विलंब के लिए एक प्रतिशत मासिक की दर से ब्याज देना होगा.
ऑफिस मेमोरैंडम में कहा गया है कि हालांकि यह ब्याज संबंधित एमएसएमई को नहीं जाएगा और इसके बदले जीईएम द्वारा संचालित एक खाते में जाएगा, जिसका इस्तेमाल केवल खरीददारों और विक्रेताओं की शिक्षा पर या व्यय विभाग की पूर्व मंजूरी के बाद सार्वजनिक खरीदी के लिए किया जाएगा.