नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कृषि, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र की हालते में "प्रारंभिक सुधार के संकेतों" की तरफ इशारा करते हुये कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक की ओर से उठाए गए गये त्वरित नीतिगत कदमों से अर्थव्यवस्था में नयी शक्ति का संचार करने और नुकसान सीमित करने में मदद मिली है.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था का मूल आधार बना हुआ है. वर्ष के दौरान मानसून सामान्य रहने के अनुमान को देखते हुये अर्थव्यवस्था को और बल मिलने की उम्मीद है.
बयान में कहा गया है "सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में हालांकि, क्षेत्र का योगदान (उद्योग और सेवा क्षेत्र के मुकाबले) बहुत बड़ा नहीं हो लेकिन कृषि क्षेत्र की वृद्धि का इस क्षेत्र पर निर्भर रहने वाली बड़ी आबादी पर सकारात्मक प्रभाव होता है."
वित्त मंत्रालय ने यहां जारी एक वक्तव्य में कहा है, "इसके साथ ही कृषि क्षेत्र में हाल में किये गये एतिहासिक सुधारों की घोषणा से क्षेत्र में सक्षम मूल्य वर्धन श्रृंखला खड़ी करने और किसानों को बेहतर आय दिलाने में मदद मिलेगी."
इसमें कहा गया है कि अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार के शुरुआती संकेत दिखाई देने लगे हैं. मई और जून के दौरान वास्तविक गतिविधियों से जुड़े संकेतों से यह आभास हुआ है.
बिजली और ईंधन खपत, माल के राज्य के भीतर और अंतर-राज्यीय आवागमन तथा खुदरा वित्तीय कारोबार में मांग बढ़ी है. इसके साथ ही भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा व्यक्तिगत सुरक्षात्मक उपकरण (पीपीई) किट बनाने वाला देश बन गया है. केवल दो महीने में भारत ने यह दर्जा हासिल किया है और इससे विनिर्माण क्षेत्र की मजबूती का पता चलता है.
मंत्रालय ने कहा, "सरकार और रिजर्व बैंक ने नीतिगत स्तर पर तेजी से उपाय किये - इसमें अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों तरह के उपाय किये गये - कम से कम नुकसान के साथ अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिये समुचित उपाय किये गये. संरचनात्मक सुधारों और सामाजिक कल्याण के उपाय - इन दोनों स्तरों पर सरकार की प्रतिबद्धता से अर्थव्यवस्था में दिख रहे सुधार के संकेत और मजबूत होंगे."