मुंबई : नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने बुधवार को कहा कि समय पर कर्ज लौटाने संबंधी भारतीय रिजर्व बैंक के एक नियम को निरस्त करने के उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक को कुछ नए नियम लाने होंगे, ताकि कर्जदारों पर कर्ज की किस्तें समय पर चुकाना सुनिश्चित किया जा सके.
हाल में गरीबों को सीधे नियमित आय समर्थन देने की कई योजनाओं की घोषणा के बीच उन्होंने यह भी कहा कि आर्थिक वृद्धि बढ़ा कर ही ऐसी योजनाओं को चलाया जा सकता है. गैरतलब है कि सरकार ने रिजर्व बैंक के 12 फरवरी 2018 के उस सर्कुलर को निरस्त कर दिया, जिसमें बैंकों को 2000 करोड़ रुपये से ऊपर के बकाएदारों की किस्त को चुकाने में एक दिन की भी देरी होने पर उसके समाधान की कार्रवाई शुरू करने का निर्दश दिया गया था.
इसमें प्रावधान किया गया था कि कर्जदार के साथ ऐसे रिण खातों का 180 दिन में कोई समाधान न होने पर इसे दिवाला एवं कर्जशोधन अक्षमता कानून के तहत उसे समाधान के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के सुपुर्द करने का प्रावधान किया गया है. कांत ने राजधानी में शेयरबाजारों के राष्ट्रीय परिसंघ की बैठक के दौरान संवाददाताओं से अलग से बातचीत में कहा कि आरबीआई और सरकार को नए नियम तय करने होंगे, ताकि कर्जदारों के मामले में वित्तीय अनुशासन बनाए रखा जा सके.