नई दिल्ली: सरकार ने सोमवार को कहा कि चालू फसल वर्ष 2019-20 में प्याज उत्पादन सात प्रतिशत बढ़कर 2.44 करोड़ टन रहने का अनुमान है. इससे पिछले कुछ महीनों के दौरान प्याज के ऊंचे दाम से त्रस्त ग्राहकों को राहत मिलने की उम्मीद है.
कृषि मंत्रालय ने पहला अनुमान जारी करते हुए कहा कि फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) में प्याज फसल का रकबा बढ़कर 12.93 लाख हेक्टेयर रहा. यह पिछले फसल वर्ष के 12.20 लाख हेक्टेयर से थोड़ा अधिक है. इसके परिणामस्वरूप प्याज का उत्पादन इस साल बढ़कर 2.44 करोड़ टन होने का अनुमान है जो 2018-19 में 2.28 करोड़ टन था. प्याज का उत्पादन खरीफ और रबी दोनों मौसम में होता है.
मंत्रालय ने हाल ही में कहा कि देर से और अत्यधिक बारिश के कारण खरीफ मौसम में 22 प्रतिशत प्याज फसल को नुकसान हुआ. फसल खराब होने के कारण प्याज की कीमत पिछले कुछ महीनों के दौरान 160 रुपये किलो तक पहुंच गयी थी.
हालांकि, अभी इसमें कुछ कमी आयी है और यह फिलहाल 60 रुपये किलो के आसपास है. इसके अलावा आलू का उत्पादन इस साल मामूली बढ़कर 5.194 करोड़ टन रहने का अनुमान है जो पिछले साल 5.019 करोड़ टन था. वहीं टमाटर का उत्पादन भी कुछ बढ़कर 1.932 करोड़ टन रहने की संभावना है जो पिछले साल 1.9 करोड़ टन रहा था.
मंत्रालय के अनुसार बीन, परवल और कद्दू के उत्पादन में मामूली गिरावट का अनुमान है. हालांकि, सब्जियों का कुल उत्पादन फसल वर्ष 2019-20 में कुछ बढ़कर 18.8 करोड़ टन रहने का अनुमान है जो पिछले साल में 18.3 करोड़ टन था.