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फिलहाल किसी अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के विलय पर विचार नहीं कर रही सरकार

नई दिल्ली : सरकार फिलहाल किसी अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में विलय के प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है, क्योंकि वह बैंक ऑफ बड़ौदा(बॉब) के साथ देना और विजया बैंक के समामेलन के पूरा होने का इंतजार करेगी.

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Published : Feb 12, 2019, 11:29 AM IST

केंद्रीय मंत्रीमंडल ने पिछले महीने देश के तीसरे सबसे बड़े ऋणदाता को बनाने के लिए इन तीन बैंकों के विलय की मंजूरी दी थी.

सूत्रों के अनुसार समामेलन की प्रक्रिया अनुसूची के अनुसार चल रही है. उन्होंने कहा कि तीन-तरफा विलय के स्थिरीकरण के बाद अन्य प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा.

पिछले महीने, तीन बैंकों के बोर्डो़ं ने प्रस्तावित समामेलन के लिए शेयर-स्वैप अनुपात को भी मंजूरी दे दी.

बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा घोषित समामेलन योजना के अनुसार, विजया बैंक के शेयरधारकों को बैंक में आयोजित प्रत्येक 1,000 शेयरों के लिए बॉब के 402 इक्विटी शेयर मिलेंगे.

देना बैंक के मामले में, शेयरधारकों को बैंक के स्वामित्व वाले प्रत्येक 1,000 शेयरों के लिए बॉब के 110 शेयर मिलेंगे. यह योजना 1 अप्रैल से लागू होगी.

भारत में बैंकों का 14.82 लाख करोड़ रुपये के संयुक्त कारोबार के साथ समामेलन पहली बार तीन तरह का समेकन होगा, जो भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के बाद तीसरा सबसे बड़ा बैंक है. विलय दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक(पीएसबी) भी बनाएगा. विलय के बाद, पीएसबी की संख्या घटकर 18 हो जाएगी.

सितंबर 2018 में, केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में वैकल्पिक तंत्र ने वैश्विक आकार के ऋणदाता बनाने के लिए तीन बैंकों के विलय के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी.
(पीटीआई से इनपुट)
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