नई दिल्ली: देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2019-20 में घटकर पांच प्रतिशत पर आने का अनुमान है. सरकारी आंकड़ों में यह अनुमान लगाया गया है. इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में आर्थिक वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रही थी.
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के सालाना जीडीपी ग्रोथ के पहले अग्रिम अनुमान में जीडीपी ग्रोथ सिर्फ 5 प्रतिशत रही. इससे कम 3.1% जीडीपी ग्रोथ 2008-09 में दर्ज की गई थी. यह 11 साल के नीचले स्तर पर है.
वर्ष 2019-20 में स्थिर कीमतों (2011-12) पर वास्तविक जीडीपी या जीडीपी 147.79 लाख करोड़ रुपये का स्तर प्राप्त करने की संभावना है, जबकि 31 मई 2019 को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018-19 के लिए जीडीपी के अनंतिम अनुमान के अनुसार, 8 140.78 लाख करोड़ रुपये था.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने मंगलवार को राष्ट्रीय आय का पहला अग्रिम अनुमान जारी किया. इसमें कहा गया है कि आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट की प्रमुख वजह विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर घटना है.
चालू वित्त वर्ष में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर दो प्रतिशत पर आने का अनुमान है. इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 6.2 प्रतिशत रही थी.
अग्रिम अनुमान के अनुसार कृषि, निर्माण और बिजली, गैस और जलापूर्ति जैसे क्षेत्रों की वृद्धि दर भी नीचे आएगी. वहीं खनन, लोक प्रशासन और रक्षा जैसे क्षेत्रों की वृद्धि दर में मामूली सुधार का अनुमान है.