दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

आर्थिक वृद्धि दर अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान: एसबीआई

देश के समक्ष आर्थिक रूप से कोरोना वायरस से प्रभावित होने का जोखिम है. इसका कारण विभिन्न वस्तुओं के लिये चीनी आयात पर उच्च निर्भरता है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने 2019-20 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है जो 11 साल का न्यूनतम स्तर है.

business news, sbi, sbi economists, gdp growth, corona virus, कारोबार न्यूज, एसबीआई, एसबीआई अर्थशास्त्री, जीडीपी विकास दर, कोरोना वायरस
आर्थिक वृद्धि दर अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान: एसबीआई

By

Published : Feb 26, 2020, 7:23 PM IST

Updated : Mar 2, 2020, 4:11 PM IST

मुंबई: देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में अक्टूबर-दिसंबर के दौरान 4.5 प्रतिशत पर स्थिर रहने का अनुमान है. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थशास्त्रियों ने आधिकारिक आंकड़े आने से दो दिन पहले बुधवार को यह अनुमान जताया.

उनका यह भी कहना है कि देश के समक्ष आर्थिक रूप से कोरोना वायरस से प्रभावित होने का जोखिम है. इसका कारण विभिन्न वस्तुओं के लिये चीनी आयात पर उच्च निर्भरता है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने 2019-20 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है जो 11 साल का न्यूनतम स्तर है.

इसका मुख्य कारण घरेलू खपत में गिरावट और वैश्विक बाजारों में नरमी है जिसका असर देश के निर्यात पर पड़ा है. आर्थिक वृद्धि में नरमी को देखते हुए नीति निर्माताओं ने कई कदम उठाये हैं. इसमें 2019 में रिजर्व बैंक द्वारा संचयी रूप से नीतिगत दर में 1.35 प्रतिशत की कटौती और कंपनी कर में उल्लेखनीय कमी शामिल हैं.

एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिये आर्थिक वृद्धि के अनुमान को संशोधित कर 4.7 प्रतिशत कर दिया जबकि पूर्व में इसके 4.6 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था. इसका कारण तुलनात्मक प्रभाव है.

सरकार ने 2018-19 के लिये आर्थिक वृद्धि के आंकड़े को संशोधित कर कम किया है. उनका कहना है कि सरकार द्वारा 2018-19 के लिये वृद्धि आंकड़े को कम किया जाना बताता है कि नरमी की स्थिति अप्रैल 2018 में ही बन गयी थी.

तीसरी तिमाही के अनुमान पर अर्थशास्त्रियों ने कहा कि उसके समग्र प्रमुख संकेतक बताते हैं कि वृद्धि दर पिछली तिमाही में 4.5 प्रतिशत के समान स्थिर रहेगी. इसमें 33 विभिन्न संकेतकों से प्राप्त जानकारी का विश्लेषण किया गया है.

ये भी पढ़ें:ईरान के चाबहार बंदरगाह के विकास को गति देने के लिए नई कंपनी की होगी स्थापना

कोरोना वायरस के मामले में उन्होंने कहा कि औषधि समेत अन्य क्षेत्रों में आपूर्ति श्रृंखला से आर्थिक प्रभाव पड़ने की आशंका है.

अर्थशास्त्रियों के अनुसार हांगकांग को कपास और हीरे जैसे जिंसों के सीधे निर्यात तथा वाहनों के कल-पुर्जे एवं सौर परियोजनाएं से जुड़े उपकरणों के आयात जैसे क्षेत्रों पर पर असर पड़ेगा.

उनका कहना है कि कुक्कुट (पाल्ट्री) उत्पादों की बिक्री पर प्रभाव पड़ा है. हालांकि कोरोना वायरस पक्षियों से संबंधित नहीं हैं.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Mar 2, 2020, 4:11 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details