नई दिल्ली:कोरोना महामारी से मिल रही आर्थिक चुनौतियों से निपटने और देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के मकसद से वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0 के तहत नये राहत पैकेज की घोषणा की. वित्तमंत्री ने यहां एक प्रेसवार्ता के दौरान आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0 के तहत 12 उपायों की घोषणा की.
इन उपायों की घोषणा से पहले सीतारमण ने बताया कि देश की अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार देखने को मिल रहा है. उन्होंने इसके संकेत के तौर उर्जा खपत में वृद्धि, रेल किराया में इजाफा के साथ-साथ वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी संग्रह में वृद्धि और बैंकों से दिए जार रहे कर्ज में इजाफा होने का जिक्र किया.
वित्तमंत्री द्वारा घोषित इन 12 उपायों को इस प्रकार देखा जा सकता है:
1. ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा: सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना की राशि चालू वित्त वर्ष में 10,000 करोड़ रुपये बढ़ा दी है. वित्तमंत्री ने कहा कि इससे ग्रामीण इलाके में रोजगार बढ़ेगा. ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार की सबसे बड़ी स्कीम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत पहले ही आत्मनिर्भर भारत अभियान 1.0 में 40,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट बढ़ा दिया गया था.
2. घर खरीदने वालों को राहत:सरकार ने दो करोड़ रुपये मूल्य तक आवासीय इकाइयों यानी घरों की सिर्फ प्राइमरी सेल के लिए सर्कल रेट और करार के मूल्य के अंतर को अगले साल 30 जून तक के लिए 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है. इसके तहत 30 जून 2021 तक दो करोड़ रुपये तक के घरों के खरीदारों को राहत मिलेगी.
3. आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना:कोरोना काल में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए सरकार ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना शुरू की है.
इसके तहत नई नौकरियां देने वाली कंपनियों को अनुदान मिलेगा. इससे संगठित क्षेत्र में रोजगार बढ़ेगा और पंजीकृत ईपीएफओ वाली कंपनियों के कर्मचारियों को लाभ मिलेगा. इसका फायदा उनको मिलेगा जो पहले ईपीएफओ से नहीं जुडे थे या जिनकी इस साल 1 मार्च से 30 सितंबर के बीच नौकरी चली गई.
एक अक्टूबर 2020 से लागू यह योजना 30 जून 2021 तक रहेगी जिसमें केंद्र सरकार अगले दो साल तक अनुदान देगी. जिस कंपनी में 1000 या उससे कम कर्मचारी हैं, उसमें 12 फीसदी कर्मचारी और 12 फीसदी नियोक्ता के योगदान की भरपाई सरकार करेगी और जिनमें 1000 से ज्यादा कर्मचारी हैं उनमें सिर्फ कर्मचारी के योगदान का 12 फीसदी ही सरकार देगी.
4. इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम की अवधि बढ़ी: इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीजीएलएस) की अवधि बढ़ाकर 31 मार्च 2021 तक कर दी गई है. वहीं, कामत कमेटी की द्वारा चिन्हित संकट में फंसे 26 क्षेत्रों और स्वास्थ्य सेक्टर की इकाइयों को एक साल के मोरेटोरियम के साथ मूलधन चुकाने के लिए 5 साल का समय दिया गया है.