नई दिल्ली: देश का राजकोषीय घाटा जनवरी अंत में पूरे साल के लिए तय अनुमान के 128.5 प्रतिशत तक पहुंच गया. लेखा महानियंत्रक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है. पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में घाटा संशोधित बजटीय अनुमान का 121.5 प्रतिशत रहा था.
राजकोषीय घाटा सरकार के कुल व्यय और प्राप्ति के बीच अंतर को दर्शाता है. वास्तविक रूप से यह घाटा 9,85,472 करोड़ रुपये रहा.
सरकार ने 31 मार्च 2020 को समाप्त वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटा 7,66,846 करोड़ रुपये रहने का बजट अनुमान रखा है. इस महीने संसद में पेश बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के अनुमान को 3.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 3.8 प्रतिशत कर दिया. इसका कारण राजस्व संग्रह में कमी बताया गया है.