नई दिल्ली : इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्यों का राजकोषीय घाटा सकल रूप से वित्त वर्ष 2021-22 में कम होकर 4.3 प्रतिशत रह सकता है, जबकि 2020-21 में इसके 4.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
रेटिंग एजेंसी ने 2021-22 के लिये राज्यों के वित्त पर अपने परिदृश्य को संशोधित कर स्थिर से नकारात्मक किया है. एजेंसी ने रिपोर्ट में कहा, 'हमारा अनुमान है कि राज्यों का सकल राजकोषीय घाटा 2021-22 में कम होकर 4.3 प्रतिशत रहेगा, जबकि 2020-21 में इसके 4.6 प्रतिशत रहने की संभावना है.'
इंडिया रेटिंग्स ने पूर्व में 2020-21 में राज्यों का राजकोषीय घाटा 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था. लेकिन बाद में बाजार मूल्य पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में उम्मीद की तुलना में 6.1 प्रतिशत की बड़ी गिरावट को देखते हुए राजकोषीय घाटे के अनुमान को संशोधित किया.
ईटीवी भारत से बात करते हुए रेटिंग एजेंसी के अधिकारियों ने बताया, 'इंडिया रेटिंग्स का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2021-22 में बाजार मूल्य पर जीडीपी में 14.5 प्रतिशत की वृद्धि होगी और राजस्व संग्रह में धीमे-धीमे वृद्धि से पूंजी व्यय में 2021-22 में बढ़ोतरी होगी.'