मुंबई: रेटिंग्स व रिसर्च फर्म एक्विट का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय फिसलन का समाधान गैर-कर राजस्व और ब्याज पर होने वाले खर्च में बचत करके किया जा सकता है. रेटिंग कंपनी के अनुसार, कॉरपोरेट कर में कटौती के बाद राजकोषीय घाटा 3.5-3.6 फीसदी रह सकता है जोकि बजटीय लक्ष्य से 0.2-0.3 फीसदी अधिक है.
एक्विट रेटिंग्स का मानना है कि अतिरिक्त गैर-कर राजस्व खासतौर से विनिवेश से होने वाला फायदा प्रमुख घटक हो सकता है.
कंपनी के अनुसार, सरकार अगर विनिवेश को प्राथमिकता देती है और उपभोग में स्थायी तौर पर सुधार होने के साथ-साथ बाजार में सकारात्मक रुझान बनता है तो कॉरपोरेट कर में 10 फीसदी की कटौती के बावजूद राजकोषीय घाटा 3.5-3.6 फीसदी तक सीमित रह सकता है.