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केंद्र ने जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए राज्यों को 6 हजार करोड़ रुपये जारी किए

वित्त मंत्रालय ने राज्यों के वस्तु एवं सेवा कर राजस्व में संभावित कमी की भरपाई के लिए सोमवार को छह हजार करोड़ रुपये की नौवीं साप्ताहिक किस्त जारी की. इस तरह अब तक राज्यों/ संघ शासित प्रदेशों को इस माध्यम से 54,000 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं.

केंद्र ने जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए राज्यों को 6 हजार करोड़ रुपये जारी किए
केंद्र ने जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए राज्यों को 6 हजार करोड़ रुपये जारी किए

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Published : Dec 29, 2020, 12:20 PM IST

नई दिल्ली :वित्त मंत्रालय ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व में कमी की भरपाई के लिए राज्यों को 6,000 करोड़ रुपये की 9वीं साप्ताहिक किस्त जारी की है.

इसमें से 5,516.60 करोड़ रुपये की धनराशि 23 राज्यों को जारी की गई है और 483.40 करोड़ रुपये की धनराशि विधानसभा वाले (दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर और पुडुचेरी) तीन केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को जारी की गई, जो जीएसटी परिषद के सदस्य हैं.

शेष पांच राज्यों अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम में जीएसटी कार्यान्वयन के चलते राजस्व में कोई कमी नहीं आई है.

भारत सरकार ने जीएसटी कार्यान्वयन के चलते राजस्व में 1.10 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित कमी की भरपाई के लिए एक विशेष उधार खिड़की की स्थापना की थी.

भारत सरकार की ओर से इस खिड़की के माध्यम से राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों की तरफ से उधार लिया जा रहा है. अभी तक नौ चरणों में उधार लिया जा चुका है. अभी तक उधार ली गई धनराशि राज्यों को 23 अक्टूबर 2020, दो नवंबर 2020, नौ नवंबर 2020, 23 नवंबर 2020, एक दिसंबर 2020, सात दिसंबर 2020, 14 दिसंबर 2020, 21 दिसंबर 2020 और 28 दिसंबर 2020 को जारी की गई थी.

इस सप्ताह जारी धनराशि राज्यों को दी गई निधि की 9वीं किस्त है. इस सप्ताह 5.1508 प्रतिशत की ब्याज दर धनराशि उधार ली गई है.

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अब तक, केंद्र सरकार विशेष उधार खिड़की के माध्यम से 4.7488 प्रतिशत की औसत ब्याज दर पर 54,000 करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है.

केंद्र सरकार ने जीएसटी लागू होने के एवज में राजस्व में कमी की भरपाई के लिए विशेष उधार खिड़की के माध्यम से निधि उपलब्ध कराने के अलावा राज्यों को अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 0.50 प्रतिशत अतिरिक्त राशि के रूप में उधार लेने का विकल्प भी उपलब्ध कराया है. इससे राज्यों को अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने में मदद मिलेगी.

सभी राज्यों ने पहले विकल्प को प्राथमिकता दी है. प्रावधान के तहत 28 राज्यों को 1,06,830 लाख करोड़ रुपये (जीएसडीपी का 0.50 प्रतिशत) की अतिरिक्त उधारी की अनुमति दे दी गई है.

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