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भारत में 32 करोड़ लोगों को 3.9 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता पहुंचाई गई: सीतारमण - भारत में 32 करोड़ लोगों को 3.9 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता पहुंचाई गई

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जी-20 की बैठक में कहा कि अब तक कुछ ही सप्ताह में भारत ने 32 करोड़ से अधिक लोगों को 3.9 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई है.

भारत में 32 करोड़ लोगों को 3.9 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता पहुंचाई गई: सीतारमण
भारत में 32 करोड़ लोगों को 3.9 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता पहुंचाई गई: सीतारमण

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Published : Apr 16, 2020, 11:06 AM IST

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि सरकार ने सही समय पर तुरंत कदम उठाते हुये समाज के कमजोर तबके को कुछ ही सप्ताह में 3.9 अरब डॉलर (30 हजार करोड़ रुपये) वितरित किये हैं. यह आवंटन डिजिटल प्रौद्योगिकी के जरिये सीधे लाभार्थी के खाते में किया गया ताकि सार्वजनिक स्थानों में उन्हें एक साथ पहुंचने से बचाया जा सके.

वित्त मंत्री ने जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और केन्द्रीय बैंक के गवर्नरों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई दूसरी बैठक में यह जानकारी दी. दुनियाभर में कोरोना वायरस महामारी फैलने से उत्पन्न संकटपूर्ण स्थिति के बीच हुई इस बैठक में सीतारमण ने सतत तौर- तरीकों के जरिये वृहद आर्थिक स्थायित्व को बरकरार रखते हुये लोगों के जीवन और उनकी जीविका बचाने में वित्त मंत्रियों और केन्द्रीय बैंकों की भूमिका पर गौर किया.

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वित्त मंत्रालय की यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार वित्त मंत्री ने बैठक में अपने संबोधन में भारत सरकार द्वारा समाज के कमजोर तबके को तुरंत, सही समय पर लक्षित सहायता उपलब्ध कराने के लिये किये गये उपायों के बारे में बताया.

उन्होंने कहा, "अब तक कुछ ही सप्ताह में भारत ने 32 करोड़ से अधिक लोगों को 3.9 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई है. ऐसा करते हुये डिजिटल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर प्रत्यक्ष लाभ अंतरण किया गया ताकि लाभार्थियों का सार्वजनिक स्थानों पर पहुंचना कम से कम हो."

सीतारमण ने इस अवसर पर यह भी कहा कि भारत सरकार और रिजर्व बैंक तथा अन्य नियामकों द्वारा उठाये गये मौद्रिक नीतिगत उपायों से बाजार में ठहराव आने से रोकने और रिण प्रवाह को संचालित करने में मदद मिली है.

उन्होंने कहा कि इन उपायों में 50 अरब डॉलर का तरलता समर्थन, रिण सुलभता के लिये नियामकीय और निरीक्षणीय उपाय, कर्ज भुगतान की किस्तों पर रोक लगाने, कार्यशील पूंजी के वित्तपोषण और इस प्रकार के वित्तपोषण पर ब्याज भुगतान को आगे के लिये टालने जैसे कई कदम उठाये गये हैं.

सीतारमण ने इस दौरान सऊदी अरब नेतृत्व द्वारा कोविड- 19 के खिलाफ एकजुट प्रयासों के लिये कार्रवाई योजना की तैयारी के लिये जी-20 नेताओं की असाधारण शिखर बैठक में लिये गये फैसलों को लागू करने में किये गये अथक प्रयासों की सराहना की. सीतारमण ने 31 मार्च 2020 को हुई इस दूसरी असाधारण बैठक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था.

मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि जी-20 देशों की इस बैठक में उनके नेताओं के निर्देश पर एक कार्ययोजना तैयार की गई है. इस योजना में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की बाधा को कम से कम करते हुये सार्वजनिक स्वास्थ्य और वित्तीय उपायों पर समन्वय स्थापित करने और जरूरतमंद देशों को सहायता उपलब्ध कराने पर सहमति जताई गई है.

कार्ययोजना के मुताबिक जी-20 लोगों के जीवन, उनके रोजगार और आय की सुरक्षा के लिए कदम उठाएगा. साथ ही वे विश्वास को बहाल करेंगे, वित्तीय स्थिरता को बरकरार रखते हुये आर्थिक वृद्धि को पटरी पर लायेंगे और तेजी से आगे बढ़ेंगे.

सीतारमण ने इस कार्ययोजना को सही दिशा में उठाया गया कदम बताया. उन्होंने कहा कि इस दस्तावेज से जी-20 देशों को कोविड-19 महामारी के खिलाफ अल्पकाल और मध्यम अवधि में कदम उठाने के लिये व्यक्तिगत स्तर पर और सामूहिक स्तर पर सही मार्ग प्रशस्त होगा.

उन्होंने उम्मीद जताई कि दुनिया जल्द ही इस संकट से उबर जायेगी और कहा कि इससे जो भी सीख हमें मिलेगी वह भविष्य में इस प्रकार के किसी भी संकट से निपटने में सूझबूझ के साथ नीतिगत उपाय करने में मदद मिलेगी.

जी-20 देशों की यह बैठक जी-7 देशों की उस बैठक के एक दिन बाद हुई है जिसमें जी-7 देशों ने दुनिया के सबसे गरीब देशों को कर्ज किस्त के भुगतान में अस्थायी तौर पर रोक लगाने पर सहमति जताई है. हालांकि, उन्होंने कहा कि यह तभी संभव हो सकेगा जब जी-20 देश भी इस पर सहमति जता दें.

जी-20 दुनिया की तमाम बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों का समूह है. इसमें अमेरिका, चीन, जर्मनी सहित कई देश शामिल हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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